ज़िक्र कुछ यार का किया जाये
ज़िन्दगी आ जरा जिया जाये /१
हो चुकी हो अगर सजा पूरी
दर्दे दिल को रिहा किया जाये /२
चाँद छूने के ही बराबर है
मखमली हाथ छू लिया जाये /३
ज़ख़्म ताजा बहुत जरुरी है
चल कहीं दिललगा लिया जाये /४
वक़्त ने मिन्नतें नहीं मानी
माँ को खुलके बता दिया जाये /५
हसरतें ईद की अधूरी हैं
ख़ामुशी से जता दिया जाये /६
चाँद से कल मेरी सगाई है
रकमें मेहर ज़मीं दिया जाये /७
गुफ़्तगू धड़कनों की जारी है
यार शम्मा बुझा दिया जाये /८
कब तलक ‘सारथी’ सुनाएगा
यार मुझको दफा किया जाये /९
.............................................
*सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित
बह्र : २१२२ १२१२ २२
Comment
जनाब विजय मिश्र साहब , आपकी बेइंतहा मुहब्बतों के लिए तहे दिल से शुक्रिया ! दुआओं में उठे हाथों को ज़बीं से लगाकर नत मस्तक हूँ ! कोटि कोटि आभार इस स्नेह के लिए !
कुछ बातें मैं बेहिचक बोल सकता हूँ ...यह मंच कई मायनों में अलग है ! एक तो सीखने के लिए संसाधनों की भरपूर उपलब्धता है ... मार्गदर्शन के लिए गुणी जन हैं , कमियों को दूर करने के लिए एक साथ कई हाथ आगे , मदद के लिए बढ़ते हैं और सौ में एक बात ...बिना लाग लपेट अच्छे की सराहना की जाती है और जिस रचना में त्रुटियाँ रहती हैं, कुछ शिल्प में चूक होती है उसके निवारण के उपाय भी बताये जाते हैं !...बहुत खुश हूँ इस परिवार में आकर !
विजय सर ...आपके साथ साथ ..मंच के सभी अग्रजों को सादर प्रणाम करता है -सारथी ! .....नमन ..नमन ...नमन :)
जनाब नादिर ख़ान साहिब, भाई रामनाथ 'शोधार्थी' जी , श्री अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी , आदरणीय Er. Ganesh Jee "Bagi" जी , श्रीमती कल्पना रामानी जी और महोदया Sarita Bhatia जी .... बेहद शुक्रगुजार हूँ आप सब का ! नजरे- इनायत बनाये रखियेगा !
मान्यवर अखिलेश साहब , आपके संशोधन से सहमत हूँ.. धन्यवाद आपका ! नादिर साहब ..दुआओं के लिए तहे-दिल से शुक्रिया..सलाम करता हूँ ! साथ ही साथ सभी नेक ख्वाह मोहतरम हजरात को कोटिशः नमन एवं ह्रदय तल से आभार ! सादर :)
आदरणीय डॉ. अनुराग सैनी साहब :
डॉक्टर साहेब ...जर्रा-नवाजी का बेहद शुक्रिया ..! नमन करता हूँ इस स्नेहाशीष के लिए :)
जनाब शकील जमशेदपुरी साहिब और जनाब Abhinav Arun साहिब :
हजरात , आप सब ग़ज़ल के जानकार हैं! एक दो मिसरे अच्छे हो जाते हैं और आप लोगों का निर्मल स्नेह मिल जाता है ...लिखना सफल प्रतीत होने लगता है ! निःसंकोच बतलाईयेगा , शिल्प में कहीं चुक हो तो ...! स्नेह का अभिलाषी :)
श्रीमती coontee mukerji जी : महाशया, शुक्रिया बहुत बहुत ! ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ ! सादर :)
श्रीमान गिरिराज भंडारी जी :
मान्यवर, ख़ाकसार को बहुत इज्जत बख्शी आपने .. शीशनत हूँ ! अपना स्नेह व मार्गदर्शन बनाये रखियेगा !..कोटि कोटि धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ इस अविस्मर्णीय टिप्पणी के लिए !..नमन स्वीकार करें :)
आदरणीय Kapish Chandra Shrivastava जी :
श्रीमान, बड़ी मेहरबानी आपकी , आपका स्नेह मिला सचमुच अच्छा लगा ! हिम्मत बढ़ाने के लिए हार्दिक आभार आपका ! नमन एवं अभिनन्दन :)
आदरणीय सारथी जी खुबसूरत अशआर ,बधाई
बहुत सुंदर ... हर शे'र लाजवाब... बहुत बहुत बधाई
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