वादे तेरे अब मेरे.......
किसे बताऊँ जिंदगी में कितनी घनेरी छाई रात है
धड़कते ह्रदय किसी की असहनीय घाव है
हम भी चाहते है की तुम्हें भूल जाऊं
पर तेरी चाहत की नहीं दिल में कोई घात है
हर कोशिश नाकाम हो जाती है,
जो तुम्हें भुलाने के लिए मै करता,
कोई तो कभी समझे ह्रदय में गहरी दवी कोई बात है
कर के वादा तुम निभा ना सके,
गर मै ज़िंदा रहा तो तेरे उन वादों की कसम,
पूरा करूंगा हुई है जो तेरी मेरी बात है,
जिन राहो पर हमसफ़र बन पाने चले थे मंजिल,
आज तनहा मै ठुठ्ता हूँ तुम्हारे उन पदचिन्हों को,
इस पथ पर तुम्हारी यादों,बातों का अब घात है,
आ पडा हूँ वहां जहां बीते लम्हें साथ गुजरे थे कभी,
उस स्थल पर अब चारो तरफ है शिर्फ़ विरानियाँ,
इन वीरानियों को अपनाऊंगा,
समझ नहीं आता इसमे जिंदगी की सह है या मात है,
जब तक हूँ मै, तेरी बात लिए तेरी याद लिए,
जीवन मृत्यु से लड़ता रहूँगा तेरी नेकी की दुवा करता रहूँगा
जब तक मेरे इस तन को मेरी साँसों का साथ है,
"अभीराजअभी"
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