For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो कौन है ...

यह तो एक पहेली है
उसकी अठखेली है...
दिखता वह अनजान है
पर हम सब की जान है
यह पहेली सुलझाने को 
युगों से अनेक ऋषि-मुनि 
हुए हैं अशांत
लेकिन वह तो हमेशा से ही
दिखता प्रशांत 
चैन की बंशी बजाता है
अपनी ही चलाता है
 नमस्कार बन्धु....
बहुत ठीक है तुम अपनी ही चलाओ 
सारी दुनिया को वृन्दावन बनाओ....
हम सब को खीझा और परेशान
देख कर भी चैन की वंशी बजाओ ...
लेकिन हम भी हार नहीं मानेंगे 
तुम लाख छिपो 
तुम्हे खोजने का प्रयास करते रहेंगे 
और खेलते रहेंगे
HIDE  & SEEK  
लगातार...........

Views: 440

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Lata R.Ojha on January 25, 2011 at 11:48pm
aapne bhi luka chipi ke khel ko nayi rangat de di ..ati sundar bade bhai  :)
Comment by Dheeraj Kumar Sahu on January 25, 2011 at 9:13pm
ha ha.. badhiya kavita maja aa gaya

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 25, 2011 at 9:06pm
हम सब को खीझा और परेशान
देख कर भी चैन की वंशी बजाओ ...
लेकिन हम भी हार नहीं मानेंगे 
तुम लाख छिपो 
तुम्हे खोजने का प्रयास करते रहेंगे 
और खेलते रहेंगे
HIDE  & SEEK 
बहुत बढ़िया , अच्छी कविता है डॉ साहब  , आप कितना भी छुपिये चाहने वाले तो खोज ही लेंगे , बधाई हो , कुशल अभिव्यक्ति |
Comment by आशीष यादव on January 25, 2011 at 8:32pm
Ha wo chhahe jitna chhip le, rahasy ki taraf to dhyan hmara rhega hi. Achchhi kawita k liye dhanyawad.
Comment by Raju on January 23, 2011 at 10:05pm
इस कविता को हमसभी के बीच प्रस्तुत करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार और धन्यवाद.
Comment by R. K. PANDEY "RAJ" on January 21, 2011 at 8:55pm
तुम्हे खोजने का प्रयास करते रहेंगे
और खेलते रहेंगे
HIDE & SEEK
लगातार

सच कहूँ तो ईश्वर कि सखा-भाव से खोज कि एक अद्दभुत मिसाल है आपकी ये कविता. प्रभु से कवितामयी वार्ता अत्यंत ही आकर्षक और भावपूर्ण है.

इस कविता को हमसभी के बीच प्रस्तुत करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार और धन्यवाद.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
45 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
19 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
20 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service