'पापा'
आपका जाना
दे गया
इक रिक्तता
जीवन में,
असहनीय पीड़ा
मेरे मन में..
'माँ'
आज भी
बातें करती है
लोगों से,
लेकिन उसकी
बातों में
होता है
इक 'खालीपन'
आज भी
उसकी निगाहें
देखती हैं
चहुँ ओर
'पर'
उसकी आँखों में हैं
इक 'सूनापन'...
माँ के, दीदी के
छोटू के, भैया के ..
सबके मन में
आपकी याद बसी है
'वो' दरख़्त
की जिसके नीचे
बरसों शाम
गुजारी थी आपने
उस दरख़्त के
हर पत्ते, हर बूटे में
आपकी याद बसी है,
वो सुबह सवेरे
'आपका'
बरामदे में बैठना
'और'
घंटो अखबार के
पन्ने पलटना,
दरवाज़े की
उस चौखट पर,
अखबार के
हर पन्ने पर
आपकी याद बसी है..
उस बिस्तर में
उस बर्तन में,
माँ की हर बात में
उसके हर जज्बात में,
आँगन के
हर कण कण में,
आपकी याद बसी है...
जीवन तो
चलता रहेगा
'लोगों का'
पूर्ववत, यथावत
पर 'माँ' के
जीवन का एकाकीपन
बन जायेगा
'अंतहीन सफ़र'
Comment
जीवन तो
चलता रहेगा
'लोगों का'
पूर्ववत, यथावत
पर 'माँ' के
जीवन का एकाकीपन
बन जायेगा
'अंतहीन सफ़र'.............. एक बार फिर आँखे भीग गयीं अनीता
आदरणीया अनीता जी,
आज ओ बी ओ पर पुरानी रचनाओं को देखते मेरी नज़र आपकी मर्मस्पर्शी रचना पर अटक गई।
इस अति मार्मिक अभिव्यक्ति के लिए साधुवाद, और ’उस’ दुख से जूझने के लिए हृदयतल से संवेंदनाएँ।
सादर,
विजय निकोर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online