For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कौन हो तुम प्रेयसी ?

कौन  हो  तुम  प्रेयसी ?

कल्पना, ख़ुशी या गम

सोचता हूँ मुस्काता हूँ,

हँसता हूँ, गाता हूँ ,

गुनगुनाता हूँ

मन के 'पर' लग जाते हैं

घुंघराली  जुल्फें

चाँद सा चेहरा

कंटीले कजरारे नैन

झील सी आँखों के प्रहरी-

देवदार, सुगन्धित काया  

मेनका-कामिनी,

गज गामिनी

मयूरी सावन की घटा

सुनहरी छटा

इंद्रधनुष , कंचन काया

चित चोर ?

अप्सरा , बदली, बिजली

गर्जना, वर्जना

या कुछ और ?

निशा का गहन अन्धकार

या स्वर्णिम भोर ?

कमल के पत्तों पर ओस

आंसू, ख्वाबों की परी सी ..

छूने जाऊं तो

सब बिखर  जाता है

मृग तृष्णा सा !

वेदना विरह भीगी पलकें

चातक की चन्दा

ज्वार- भाटा

स्वाति नक्षत्र

मुंह खोले सीपी सा

मोती की आस

तन्हाई पास

उलझ जाता हूँ -भंवर में

भवसागर में

पतवार पाने को !

जिंदगी की प्यास

मजबूर किये रहती है

जीने को ...

पीने को ..हलाहल

मृग -मरीचिका सा

भरमाया फिरता हूँ

दिन में तारे नजर आते हैं

बदहवाश अधखुली आँखें

बंद जुबान -निढाल -

सो जाता हूँ -खो जाता हूँ

दादी की परी कथाओं में

गुल-गुलशन-बहार में

खिलती कलियाँ लहराते फूल

दिल मोह लेते हैं

उस 'फूल' में

मेरा मन रम जाता है

छूने  बढ़ता हूँ

और सपना टूट जाता है

--------------------------------

"मौलिक व अप्रकाशित"

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

७-७.२० मध्याह्न

२३.०२.२०१४

करतारपुर , जालंधर , पंजाब

Views: 689

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:32pm

प्रिय अनंत जी रचना पर आप का समर्थन मिला ख़ुशी हुयी प्रिय के बारे में लिखे शब्द प्रिय और मिठास भरे होते ही हैं
भ्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:30pm

आदरणीय गिरिराज भाई प्रेमिका के रूप को चित्रित करती ये रचना आप को भायी सुन ख़ुशी हुयी आभार
भ्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:29pm

शब्दो के माध्यम से प्रेमिका के समग्र रूप का दर्शन ये रचना करा सकी सुन हर्ष हुआ
आदरणीय डॉ आशुतोष जी जय श्री राधे
भ्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:27pm

नीरज भाई रचना के शब्द चित्र आप को भाये ख़ुशी हुयी आभार
भ्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:26pm

आदरणीया सरिता जी आप की बधाई सर आँखों पे आभार
भ्र्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:25pm

आदरणीया मीना जी रचना आप के मन को छू सकी लिखना सार्थक रहा
भ्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:24pm

आदरणीया मुखर्जी जी आप की प्रतिक्रियाएं ऊर्जा देती हैं आभार
भ्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:23pm

जितेंद्र भाई रचना के भाव आप के मन को छू सके सुन ख़ुशी हुयी
आभार
भ्रमर ५

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2014 at 12:11pm

जवाहर भाई। बस सपना और कल्पना।
आभार प्रोत्साहन हेतु
भ्रमर ५

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 16, 2014 at 10:42am

आदरणीय सुरेन्द्र भाई जी बहुत ही सुन्दर शब्द चित्रण बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service