For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुल कर जातिवाद करो यार !!

(जातिगत जनगणना को लेकर लिए गए फैसले के ऊपर )

अरे यार !!
कान में मत फुस्फुसाओ
खुलकर जाती पूछो ।
सरकारी लाइसेन्स ही मिल गया ..
.संसद के अन्दर
नेताओ की मुहर लग गयी यार ...
जातिगत जनगणना को लेकर ॥

अब इंटरवेऊ में
नहीं पूछा जाएगा
आपके रिसर्च का ज्ञान
भोतिक और रसायन विज्ञानं ॥
आपसे पूछा जाएगा ....
आपके जातिगत पेशे
कैसे दुहते हो गाय
कैसे कराते हो पूजा
कैसे बनाते हो जूता ...
पुनः लौटो यार
मनुवाद की ओर ॥

ओ मेरे परम प्रिय
प्रातः स्मरणीय
सर एडविन लुटियन द्वारा डिजाईन किये गए
१४४ खम्भों के अन्दर बैठने वालो
कुछ तो बक्शो .....

जाती बनानी है तो बनाओ न
अमीरों /गरीबो की जाति
डाकटरो की जाति
इंजीनिअरो की जाति
स्वतंत्रता सेनानियो की जाति
कवियो की जाति
लेखको की जाति
और सुनो ....
एक बेरोजगारों की भी
जाति बना लो यार
ताकि ये एक अलग पार्टी बना सकें ॥

Views: 496

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 7, 2010 at 8:19pm
क्या भिगो भिगो कर "छित्तर परेड" की है भाई ! वैसे तो सारी कविता ही बहुत सुंदर है मगर आपकी ये दो पंक्तियाँ मेरे दिल को छू गयीं :
//जाती बनानी है तो बनाओ न
अमीरों /गरीबो की जाति//
मेरे आपने ख्याल से भारत में सिर्फ ये ही दो जातियां है, बाकी बाँटने को तो जिंतनी मर्ज़ी टुकड़ों में बाँट ले कोई समाज को !
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on June 7, 2010 at 6:54pm
अब इंटरवेऊ में
नहीं पूछा जाएगा
आपके रिसर्च का ज्ञान
भोतिक और रसायन विज्ञानं ॥
आपसे पूछा जाएगा ....
आपके जातिगत पेशे
कैसे दुहते हो गाय
कैसे कराते हो पूजा
कैसे बनाते हो जूता ...
bahut hi badhiya aur sahi baat likha hia aapne...
bahut badhiya
Comment by Admin on June 7, 2010 at 12:05pm
ओ मेरे परम प्रिय
प्रातः स्मरणीय
सर एडविन लुटियन द्वारा डिजाईन किये गए
१४४ खम्भों के अन्दर बैठने वालो
कुछ तो बक्शो .....

बहुत खूब , बिलकुल स्पष्टता के साथ आपने अपनी बातो को कविता के माध्यम से रख दिया है, बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति, साधुबाद ,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * बम बन्दूकें और तमंचे, बिना छिड़े ही वार। आए  लेने  नन्हे-मुन्ने,…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
14 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद : रौनक  लौट बाजार आयी, जी   एस   टी  भरमार । वस्तुएं …"
14 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम..."
20 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Oct 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Oct 12

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service