For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुमने किया छल! -कृष्णा मिश्रा

तुमने किया छल

भावविभोर विह्वल

जल-थल मन

मन जल-थल !

हर प्रतिमा में ढूंढूँ

बिम्ब तुम्हारे..

अनंतपथ में ढूंढूँ

पदचिन्ह तुम्हारे..

अहा! रहते

तुम सम्मुख सदा..

करते अभिनय नयनों में...

नयनों से ओझल!

तुमने किया छल....

सांझ-सकारे जोहूँ

मै बाट तुम्हारा..

पर सामर्थ्य कहाँ

हृदय में,प्राण में?

भर सकूँ ओज तुम्हारा..

नित्य नए पात्र का

करता मै अभिनय..

फिर भरके तुम

प्राण में अपना उद्दीपन

करते फिर तुम नयन सजल!

तुमने किया छल....

तुमने किया छल

भावविभोर विह्वल

जल-थल मन

मन जल-थल !

‘’मौलिक व अप्रकाशित’’

Views: 607

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 6:34pm

आदरणीय shyam narayan जी बहुत बहुत आभार!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 6:34pm

भाई महर्षि बहुत बहुत शुक्रिया!सस्नेह!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 6:32pm

आदरणीय vijai shanker ज़ी सराहना के लिए बहुत बहुत आभार!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 6:31pm

सराहना के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय shyam mathpal जी!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 6:30pm

आदरणीय हरी प्रकाश दूबे सरजी!हौसलाफजाई के लिए बहुत बहुत आभार!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 6:29pm

आदरणीय गोपाल नरायन सरजी! बहुत बहुत आभार!रचना पर आपकी सराहना प्रेरणा देती है और बेहतर करने को!गुरुवर आपके आशीर्वाद से अनवरत साधनारत हूँ!ऐसी ही अपनी स्नेह,आशीष मुझ पर बनाये रक्खे!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 6:24pm

आदरणीय मोहन सेठी सरजी आपकी हौसलाफजाई ने रचना का मान बढ़ा दिया है!बहुत बहुत आभार!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 6:23pm

आदरणीय गिरिराज सर आपकी सराहना ने इस रचना में चार चाँद लगा दिए है! बहुत बहुत आभार!सादर!

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 18, 2015 at 6:22pm

आदरणीय गणेश जी 'बागी' रचना पर आपकी प्रतिक्रिया देखकर बहुत संबल मिला! इसी प्रकार अपना स्नेह बनाये रखें!सादर!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 17, 2015 at 10:15pm

क्या कहने कृष्ण मिश्रा जी, इस रचना क्रम पर मन आह्लादित है, बहुत बहुत बधाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service