For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दामन

"शाह जी आज़ तीन-चार पूड़े (पुड़िया) वादु (अधिक) देना।" महिन्द्रा दबी आवाज में बोला।
"क्यों ज्यादा किस लिये?" सर्फुल्ला कुछ आशंकित हो गया।
"ओ शाहजी, पिंड दे कोलेज विच वी थोड़े मुन्डे होर सैट किते ने, नशे लई।"(गाँव के काॅलेज में भी कुछ लड़के और तैयार किये है नशे के लिये) महिन्द्रा इधर उधर देखकर बोला।
सर्फुल्ला हॅस कर बोला। "ओ लैजा।लैजा। बस धंधा चालु रख, किसी को छोड़ना नहीं।"
"हाँ शाहजी हाँ। पेला कंडा (पहला कांटा )ही स्टूडेंट युनियन दे प्रधान ते सुट्टया ऐ (फेका है)।" कहता हुआ महिन्द्रा जा चुका था।
और सर्फुल्ला के कानो में अपने बेटे की गूंजती आवाज उसके दामन तक पहुँचने वाली आग को महसूस करने लगी थी। "अब्बु। दो हजार काफी है, यूनियन लीडर हूँ आज पार्टी जमकर होगी।"
'विरेन्दर वीर मेहता' (मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 489

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on May 6, 2015 at 2:43pm

आदरणीय मितिलेश वामनकर भाई कथा पर आपके स्नेह भरे शब्दों के लिए बहुत बहुत आभार...

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on May 6, 2015 at 2:41pm

आदरणीय क्रिशन मिश्रा जी आपके प्रोत्साहित शब्दों के लिए तहे दिल से हार्धिक आभार !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 5, 2015 at 10:58pm

आदरणीय विरेन्दर वीर मेहता जी शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 5, 2015 at 7:44pm

वाह आग लगाने वाला गर ये सोचे के उसका अपना मकान भी जल सकता है तो ऐसी घटनाए हो ही ना शानदार प्रस्तुति पर बधाई आ० भाई वीर जी!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय अखिलेश जी सादर अभिवादन  कान्हा को छत्तीसगढ बुलाने की यह मनुहर बहुत प्यारी लगी। हार्दिक…"
14 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई . कान्हा से भक्त की भोली इच्छा की मांग अच्छी लगी , गीत रचना के लिए बधाई |  कुछ…"
58 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी  इस सुन्दर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकारें"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी इस सुन्दर गजल के लिए बधाई स्वीकार करें सभ्य जगत ही बढ़चढ़ उनको पूज रहाजो…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"मंगल फान्ट में कुछ समस्या है अतः मोबाइल और फिर फ़ाइल के माध्यम से संक्षिप्त टिप्पणी का प्रयास…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"एक बार फिर आओ कान्हा =================== एक बार फिर आओ कान्हा, लीला मधुर दिखाओ ना। छोड़ कन्हाई ब्रज…"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी देश प्रेम में ओतप्रोत बहुत सुन्दर भावसंपन्न रचना के लिए बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सादर अभिवादन  एक लंबे अर्से बाद आपको पटल पर देखकर बहुत अच्छ लगा। घर…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय प्रतिभा जी , आपने बचपन के दिनों की याद दिला दी , बहुत सुन्दर गीत रचना की है , बधाई आपको "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय चेतन भाई  अच्छी ग़ज़ल हुई है  , बधाई  आपको आख़िरी शेर की मात्रा कृपया …"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  लक्ष्मण  भाई मात्रिक  बहर में बढ़िया ग़ज़ल कही है , हार्दिक बधाई "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय सुरेश भाई , माँ  को समर्पित गीत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई …"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service