देश भक्ति गीत...01
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वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
नब्ज में है खून वीरों का
रक्षा इसकी करनी है
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न्योछावर हो जाना है हँस
तिरंगा हांथों में लिए
वीरो की क़ुरबानी की अब
लाज हमें ही रखनी है
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वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
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आओ देश के नव युवक जवानों
कसम मात्र भूमि की खाते है
अपनी साँस के आखरी दम तक
विजय पताका रखनी है
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वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
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हर वर्ष अगस्त की पंद्रह को
फहराना है तिरंगा हमको
क़ुरबानी देश के वीरों की
सदा याद ही रखनी है
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वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
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भारत जननी है वीरों की
हम जैसे और यह जन्मेगी
कश्मीर से लेके कन्या तक
लाज दूध की रखनी है
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वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
नब्ज में है खून वीरों का
रक्षा इसकी करनी है
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय आमोद जी बहुत सुन्दर देशभक्तिपूर्ण रचना हुई है हार्दिक बधाई
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