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देश भक्ति गीत...01
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वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
नब्ज में है खून वीरों का
रक्षा इसकी करनी है
-------------------------------------------------
न्योछावर हो जाना है हँस
तिरंगा हांथों में लिए
वीरो की क़ुरबानी की अब
लाज हमें ही रखनी है
--------------––---------------------------
वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
------------------------------------------
आओ देश के नव युवक जवानों
कसम मात्र भूमि की खाते है
अपनी साँस के आखरी दम तक
विजय पताका रखनी है
--------------------------------------------------
वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
--------------------------------------------------
हर वर्ष अगस्त की पंद्रह को
फहराना है तिरंगा हमको
क़ुरबानी देश के वीरों की
सदा याद ही रखनी है
-----------------------------------------
वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
-------------------------------------------
भारत जननी है वीरों की
हम जैसे और यह जन्मेगी
कश्मीर से लेके कन्या तक
लाज दूध की रखनी है
-------------------------------------------
वीरो की धरती में हूँ जन्मा
कायरता न करनी है
नब्ज में है खून वीरों का
रक्षा इसकी करनी है


मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by amod shrivastav (bindouri) on September 16, 2015 at 11:06pm
जी सर आप का स्नेह है
आप को नमन

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 13, 2015 at 10:20pm

आदरणीय आमोद जी बहुत सुन्दर देशभक्तिपूर्ण रचना हुई है हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

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