For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बन्दे में है दम !

बन्दे में है दम और हम भी खड़े हैं संग,
ये   ललकार  तुम  तक  पहुंची  है जब,
अब तो सांस लेंगे शुद्ध, नहीं चैन है अब,
बन्दे में है दम और हम भी खड़े हैं संग,

नेता पूंछे हे प्रभु  अब ये  कैसी  है  जंग,
प्रभु कहें बच्चा करम का फल संग संग,
अब तो उड़ा है गुलाल श्वेत जिसका रंग,
बन्दे में है दम और हम भी खड़े हैं संग,

अब घड़ी आई हमारी जाने दुनिया सारी,
दुनिया ने देखा एक और अहिंसा पुजारी,
परिणाम  देख  कर सारी दुनिया है  दंग,
बिना अस्त्र - शश्त्र  के  ये कैसी थी  जंग,
बन्दे में है दम और हम भी खड़े हैं  संग,

आगे  कि  लड़ाई तो अभी है  बहुत ही भारी,
अंत नहीं  हुआ  भविष्य  मे भी रहेगी जारी,
अभी  तो ये  प्रथम चरण  कि थी मूक जंग,
आगे आगे देखिये  इस पर कैसा चढ़ेगा रंग,
बन्दे  में है  दम  और  हम  भी खड़े हैं  संग,

अन्ना हजारे जी  और सभी जन सहयोगियों को समर्पित ये पंक्तियाँ !
राजीव

जय हिंद!

Views: 390

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rajeev Mishra on April 11, 2011 at 7:50pm
हर्दिक धन्यवाद गणेश भाई जी , अरुण भाई जी !

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 9, 2011 at 10:25pm

अब घड़ी आई हमारी जाने दुनिया सारी,
दुनिया ने देखा एक और अहिंसा पुजारी,
परिणाम  देख  कर सारी दुनिया है  दंग,
बिना अस्त्र - शश्त्र  के  ये कैसी थी  जंग,
बन्दे में है दम और हम भी खड़े हैं  संग

 

बहुत खूब राजीव जी , अच्छी रचना , अहिंसा आज भी उतना ही सामयिक और असरदार है , बधाई इस प्रस्तुति पर |अन्ना जी का प्रयास रंग लाया |

Comment by Abhinav Arun on April 9, 2011 at 3:31pm
सलाम अन्ना जी और आपकी इस सुन्दर रचना दोनों को !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-129 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
22 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत आभार आदरणीय ऋचा जी। "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार भाई लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है।  आग मन में बहुत लिए हों सभी दीप इससे  कोई जला…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"हो गयी है  सुलह सभी से मगरद्वेष मन का अभी मिटा तो नहीं।।अच्छे शेर और अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आ.…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रात मुझ पर नशा सा तारी था .....कहने से गेयता और शेरियत बढ़ जाएगी.शेष आपके और अजय जी के संवाद से…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. तिलक राज सर "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. जयहिंद जी.हमारे यहाँ पुनर्जन्म का कांसेप्ट भी है अत: मौत मंजिल हो नहीं सकती..बूंद और…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"इक नशा रात मुझपे तारी था  राज़ ए दिल भी कहीं खुला तो नहीं 2 बारहा मुड़ के हमने ये…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी ख़ूब शेर कहे आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service