For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ परिवार की ओर से सभी को नववर्ष की हार्दिक बधाइयाँ

छंद हरिगीतिका :

(चार चरण प्रत्येक में १६,१२ मात्राएँ चरणान्त में लघु-गुरु)

 

शुभकामना नववर्ष की सत,-संग औ सद्ज्ञान हो.

करिये कृपा माँ शारदा अब, दूर सब अज्ञान हो.

हर बालिका हो लक्ष्मी धन,-धान्य का वरदान हो.

सिरमौर हो यह देश अब हर, नारि का सम्मान हो.

सादर,

--अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 955

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Poonam Matia on January 11, 2013 at 1:13am

shukriya Ambarish ji 

Comment by Anwesha Anjushree on January 10, 2013 at 6:55pm

Nav warsh ki hardik badhai aapko bhi...shubhkamnaye..

Comment by Er. Ambarish Srivastava on January 5, 2013 at 1:20am

धन्यवाद  आदरेया पूनम जी, आपका हार्दिक स्वागत है |

इन विपरीत हालातों के चलते ही ऐसी कामना की आवश्यकता आ पड़ी है |  सुंदर पंक्तियाँ रची हैं आपने | नववर्ष २०१३ की अनंत  शुभकामनाएं!

Comment by Poonam Matia on January 4, 2013 at 10:57pm

अम्बरीश जी .बहुत सटीक लिखा आपने ...//सिरमौर हो यह देश अब हर, नारि का सम्मान हो//

देश हमारा भारत माता कहलाता है तो हर नारी का सम्मान होना ज़रूरी है 

परन्तु हालात विपरीत से नज़र आते हैं .......:(


पुलकित मन और ऊर्जित तन से
नव वर्ष का हो आगमन
प्रतिपल होते नवजीवन को
आओ करे हम सब नमन.......................................पूनम 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on January 4, 2013 at 9:17pm

नमस्कार सुमन जी, सत्य कहा आपने ! ईश्वर उस लड़की को मुक्ति व उसके परिवार वालों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति दे ! आपको भी इस नववर्ष २०१३ की अनंत  शुभकामनाएं!

Comment by SUMAN MISHRA on January 4, 2013 at 5:09pm

इस बार नया वर्ष का आगमन बड़ा ही भारी भारी सा लगा, जहां पिछले वर्ष लोग माया कैलेंडर की चर्चा में व्यस्त थे वहीं इस वर्ष दामिनी के दुःख से त्रस्त थे , ये दुःख तो हमेशा सालता रहेगा, क्योंकि उसके जीवन की भरपायी तो हम इंसान क्या कर पायेंगे, उसके परिवार का दुःख असीमित है, इश्वर उन्हें संयम दे,,,श्री अम्बरीश जी मेरा प्रणाम आपको, और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं,

Comment by Er. Ambarish Srivastava on January 3, 2013 at 2:19pm

प्रिय अनुज अरुण जी, आपके तथा सम्पूर्ण बंधु बांधवों व मित्रों के लिए नववर्ष २०१३ अत्यंत मंगलकारी हो | शुभकामनाएं |

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 3, 2013 at 12:01pm

आदरणीय भ्राताश्री आपको भी सपरिवार, सम्बन्धियों एवं मित्रों सहित नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. सादर

Comment by Er. Ambarish Srivastava on January 2, 2013 at 3:01pm

प्रिय संदीप कुमार पटेल जी | आपके व आपके परिवार के लिए नववर्ष २०१३ अत्यंत मंगलकारी हो | शुभकामनाएं |

Comment by Er. Ambarish Srivastava on January 2, 2013 at 2:57pm

आदरणीय सत्यनारायण शिवराम सिंह जी | आपको भी नववर्ष २०१३ की बधाई व अनंत मंगल कामनाएं |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार ।नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
7 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
Wednesday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
Tuesday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service