For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दुई लरिका से ज्यादा पैदा न करबे।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

रतिया म अपने सैया का मनौबय।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

महगा भ कपड़ा साबुन तेल।।

सेंट् पाउडर और फुलेल ..

कहवा से लल्ला का दुधवा पिलौबय।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

जो खिलौना से वह खेलेगा।

ल दो मम्मी औसा बोलेगा ..

कहि के सजन से तुरंत करिदौबय।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

अच्छे स्कूल में पढौगी।।

सुन्दर से लल्ले को सजौगी।।

संगम म जाय के संग म नहैबय।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

Views: 896

Attachments:

Replies to This Discussion

अच्छा संदेश देती रचना! मेरी बधाई स्वीकारें।

मेरे विचार से चूंकि यह आंचलिक भाषा का समूह है इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि रचना के साथ यह जानकारी भी दी जानी चाहिए कि रचना किस आंचलिक भाषा में लिखी गयी है।

//जो खिलौना से वह खेलेगा।

ल दो मम्मी औसा बोलेगा ..//

इन दो पंक्तियों का अंत खड़ी बोली से है।

अच्छे स्कूल में पढौगी।।

सुन्दर से लल्ले को सजौगी।।

इन दो पंक्तियों का अंत ‘औगी’ से हो रहा है जबकि अन्य पंक्तियों में आपने ‘औबय’ का प्रयोग किया है। इसे ‘पढ़ौबय’, ‘सजौबय’ किया जा सकता था।

श्रीमान जी सादर नमस्कार///

लिखने  कुछ गलती हो गयी है. मै क्षमा चाहता हूँ .. इस कविता को मैंने अवधी में लिखा ,, आगे हम सतर्क हो करके   लिखेगे ...
धन्यवाद//

भइया जयराम जी की! अब एहमां क्षमा मांगै के कौन जरूरत बा। हमहूं अवधिन बोलै वाला अही। हम जानत रहे तबौ पूछे काहे के हुइ सकत है कि मनइ कउनो अउर भाखा मा लिखे होय अउर हम ओका अवधी समझ लेई।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service