For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दुई लरिका से ज्यादा पैदा न करबे।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

रतिया म अपने सैया का मनौबय।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

महगा भ कपड़ा साबुन तेल।।

सेंट् पाउडर और फुलेल ..

कहवा से लल्ला का दुधवा पिलौबय।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

जो खिलौना से वह खेलेगा।

ल दो मम्मी औसा बोलेगा ..

कहि के सजन से तुरंत करिदौबय।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

अच्छे स्कूल में पढौगी।।

सुन्दर से लल्ले को सजौगी।।

संगम म जाय के संग म नहैबय।।

राम कसम हमहू नसबन्दी करौबय।।

Views: 897

Attachments:

Replies to This Discussion

अच्छा संदेश देती रचना! मेरी बधाई स्वीकारें।

मेरे विचार से चूंकि यह आंचलिक भाषा का समूह है इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि रचना के साथ यह जानकारी भी दी जानी चाहिए कि रचना किस आंचलिक भाषा में लिखी गयी है।

//जो खिलौना से वह खेलेगा।

ल दो मम्मी औसा बोलेगा ..//

इन दो पंक्तियों का अंत खड़ी बोली से है।

अच्छे स्कूल में पढौगी।।

सुन्दर से लल्ले को सजौगी।।

इन दो पंक्तियों का अंत ‘औगी’ से हो रहा है जबकि अन्य पंक्तियों में आपने ‘औबय’ का प्रयोग किया है। इसे ‘पढ़ौबय’, ‘सजौबय’ किया जा सकता था।

श्रीमान जी सादर नमस्कार///

लिखने  कुछ गलती हो गयी है. मै क्षमा चाहता हूँ .. इस कविता को मैंने अवधी में लिखा ,, आगे हम सतर्क हो करके   लिखेगे ...
धन्यवाद//

भइया जयराम जी की! अब एहमां क्षमा मांगै के कौन जरूरत बा। हमहूं अवधिन बोलै वाला अही। हम जानत रहे तबौ पूछे काहे के हुइ सकत है कि मनइ कउनो अउर भाखा मा लिखे होय अउर हम ओका अवधी समझ लेई।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति और प्रशंसा से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने एवं सुझाव का का दिल से आभार आदरणीय जी । "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सौरभ जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया एवं अमूल्य सुझावों का दिल से आभार आदरणीय जी ।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
Monday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service