For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रिय मित्रो:

 

प्रभु से प्रार्थना है कि आप सभी सकुशल हों।मैं और मेरी जीवन साथी नीरा जी लगभग तीन सप्ताह से यात्रा पर थे, अत: आप सभी से ओ.बी.ओ. पर संपर्क नहीं हो सका। रामाकृष्ण मिशन के ५ आश्रम पर बहुत अच्छा समय बीता। यह एक अद्वितीय अनुभव था,जहाँ भी गए, स्नेह और "और स्नेह" मिला। हँसते-हँसते शांतिदायक समय बीता। Hollywood (California) में एक स्वामी नीरा से कहने लगे "Leave Vijay here as a collateral so you all will be sure to come here again".भगवान का 'लोगों के माध्यम' इतना स्नेह!.. अभी भी सोचता हूँ तो पश्चप्रभाव से भावनाएँ उमड़ आती हैं। The holy company of spiritual people was humbling and empowering at the same time.  सुबह, दुपहर और सांय पूजा/प्रार्थना/मनन ... भगवद गीता, मुन्दकोप्निषद, वेदांत, आदि पर व्याख्यान  सभी शांतिवर्धक थे। Pasadena (California) में हम उस मकान पर भी गए जहाँ स्वामी विवेकानन्द जी लगभग ११५ वर्ष हुए ६ सप्ताह के लिए ठहरे थे।

 

कभी-कभार कंप्यूटर मिल भी सकता था, पर मैंने स्वयं पर उसका प्रयोग न करने की पाबंदी डाली, क्योंकि यह मुझको उस माहौल से दूर ले जा सकता था। अब आप सभी के लिए मंगलकामना लिए आपके संग हूँ।

 

सादर और सस्नेह,

विजय निकोर

Views: 900

Reply to This

Replies to This Discussion

जी जी महोदय!

आपकी इस यात्रा का और अनुपम,दिव्य व्याख्यानों का लाभ आंशिक हम लोगों को भी प्राप्त हुआ है...आपके लेखों के माध्यम से। आपने वह अद्वितीय अनुभव भी साझा किया था,वो भी बिलकुल अपना सा लगा था।

आदरणीय आपने Spiritual Diary...1 &2 ही प्रस्तुत की है,और आपने बनाई नही थी या...आपको प्रस्तुत करने का समय नहीं मिल पाया?

आपका हृदयतल से बारम्बार पुनः आभार आदरणीय वह साझा करने के लिए।

मैंने आपके आलेख बार-बार पढ़ने के लिए अपनी diary में लिखे हैं('अध्यात्मिक चिन्तन' में जो अपने प्रस्तुत किये हैं)

सादर सादर

आदरणीया वंदना जी:

 

सादर प्रणाम।

जी, आपने ठीक कहा है कि मैंने Spiritual Diary 1and 2 ही प्रस्तुत की है..। यह मेरा सौभाग्य था कि मैं आध्यात्मिक सुधिजनों के साथ  और तीन स्वामी जी के संग ३ सप्ताह रह सका। मैंने सभी मिलन के काफ़ी notes diary में लिखे हैं। इन्हें यहाँ और साझा न करने के दो कारण है... मूलत:.. मुझको नहीं लगा कि हमारे इस परिवार में २ अंक से अधिक के लिए पाठकों में अभिरुचि होगी, और मै किसी पर भार नहीं पड़ना चाहता था। दूसरा यह भी सच है कि मैं साहित्यिक और पारिवारिक कार्यों मे व्यस्त रहा।

 

अब आपकी यह मूल्यवान प्रतिक्रिया पढ़ कर लगता है कि Spiritual Diary की तीसरी और चौथी कड़ी को मेरे ओ बी ओ परिवार के मित्र शायद लाभदायक पाएँगे। अत: मै और लिखने का प्रयास करूँगा।

 

अभिरूचि और जिज्ञासा के लिए आपका हृदयतल से आभार, आदरणीया वंदना जी।

 

ऐसे ही जब भी आपके मन में कोई जिज्ञासा हो, पूछने में कभी संकोच न करें, आदरणीया।

 

सादर और सस्नेह,

विजय

  आपको बारम्बार प्रणाम करती हूँ आदरणीय.

इतने गहन विषयों पर श्रमसाध्य और सुपाच्य लेखों की प्रस्तुति हेतु पाठकों की जिज्ञासा और अभिरुचि की झलक चाहिए ही....लेकिन हमे खेद है आदरणीय कि इन मननशील और ग्राह्य विषयों पर हमारा उत्साह और अभिरुचि अपेक्षाकृत कम है।

आपको उचित  लगे तो अगला संवाद (जो आपका संतों के साथ हुआ)अवश्य प्रस्तुत करियेगा..मुझे सादर प्रतीक्षा रहेगी आदरणीय.

आपने भार कैसे कहा...हम लाभ भले ही न ले पायें पर भार का तो प्रश्न ही नहीं।

आपकी आभारी हूँ आदरणीय।

सादर...सादर

आदरणीय सर ..सादर प्रणाम ..हम अपने देश में जिन बातों से सतत दूर होते जा रहे है उसे केलोफोर्निया में जीवंत पाकर , भगबत गीता की  बेदांत  आदि की म्हणता सुनकर , अपने हिन्दुस्तानी होने पर गर्व मह्सूस कर रहा हूँ ...अब आपकी उपस्थिति से फिर से आपकी बेहतरीन रचनाएँ पढने को मिलेगा यह अत्यंत सुखद है ..सादर 

आदरणीय आशुतोष जी:

 

भारतीय संस्कृति के प्रति यहाँ यू. एस. ए. हमारे प्रयास के अनुमोदन के लिए आपका हार्दिक आभार।

 

इस विषय पर विस्तार से वर्णन देने के लिए मैं एक और आलेख ओ बी ओ पर आध्यात्मिक चिंतन पर प्रेषित कर रहा हूँ। आशा है आप उसे पठनीय पाएँगे।

 

सादर और सस्नेह,

विजय निकोर

 

 

GOOD

Thanks

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"धन्यवाद आदरणीय अशोक जी "
4 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आभार गिरिराज जी "
5 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ जी "
5 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सुशील सरनाजी, यदि आप चर्चा की गंभीरता को वाकई समझ रहे हैं तो यह अवश्य ही उचित है, कि संवादो…"
48 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई। 'नाश सृष्टि का…"
49 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और असीम स्नेह के लिए आभार।"
55 minutes ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"परम आदरणीय गिरिराज भंडारी जी एवं सौरभ पाण्डेय जी  इस वार्ता को यहीं समाप्त करना  उचित…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय अशोक भाई प्रदत्त विषय पर बढ़िया गीत रचना हुई , हार्दिक बधाइयां "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय अशोक भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"युद्ध हो जाता है तब आवश्यक शांति संदेश जब निरर्थक हों.......सत्य कहा है आपने.   आदरणीय…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"ये झगड़े फिर बढ़ेंगे ध्यान रखना सुलह तो जंग से भी पुर ख़तर है....वाह ! वाह ! आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शान्ति और युद्ध   कारण और अकारण कितने, युद्धों से इतिहास भरा है। वीरों के खोने का दिल…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service