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अक्ल बड़ी या भैस

पुल नहीं , तो वोट नहीं
रोड नहीं ,तो वोट नहीं ॥
सुनकर वोटरों की ये चिल्लाहट
बढ़ी नेताजी की घबराहट ॥

उड़ चले वो
वोटरों के गाँव
पहले खेला जाती का दावँ

जब वोटर न हुए
टस से मस
तब उन्होनें सवाल दागा
कितने लोगों के पास है
ट्रक्टर / ट्रक और बस
वोटर थे सब चुप ॥
फिर बोले .....
तब रोड का क्या फायदा
ऊँची जाती वालो के पास है
ट्रक्टर , ट्रक और बस
उनके ट्रक का चक्का टूटने दो
थोडा उनको और गरीब होने दो
फिर नेता जी का जय -जय कार लगा ॥

पुल तो मैं
कब का बनबा देता ...
मगर होगा आपको हानी
रोज पुलिस आएगी
बढ़ जायेगी परेशानी
नहीं कर पाओगे
गांजे / भांग की खेती ॥
पुनः जय -जय कार

अब आप ही सोचिये
अक्ल बड़ी या भैस

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Comment

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Comment by baban pandey on June 11, 2010 at 1:21pm
निलेश भाई ,...कवि लेखक के कामे वा सच्चाई के उगाजर के ....हमनी इ काम न करब त के करी ....रउआ ...पढते रही और ..जोश बढ़ाते रही ..हम राउर आभारी बनी .
Comment by Nilesh kumar on June 11, 2010 at 11:52am
bahut badhiya likhle bani rauya.ihe sachchai ba .
Comment by baban pandey on June 9, 2010 at 8:55pm
भाई , मैं सचिन तेंदुलकर नहीं बनना चाहता ...क्योकि सचिन जी कई बार शुन्य पर clean बोल्ड हुए है ...
Comment by Admin on June 9, 2010 at 7:50pm
ये सवाल कभी हम लोग बचपन मे पढ़ा करते थे, यह सवाल आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना आज, जिसने इस सवाल का हल धुंध लिया वो जीत गया, बहुत ही बढ़िया बबन भैया , "प्रधान संपादक" श्री योगराज जी ठीक ही कहते है की आप OBO के सचिन तेंदुलकर है, बहुत ही खुबसूरत रचना, जय हो ,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 9, 2010 at 8:24am
पुल तो मैं
कब का बनबा देता ...
मगर होगा आपको हानी
रोज पुलिस आएगी
बढ़ जायेगी परेशानी
नहीं कर पाओगे
गांजे / भांग की खेती ॥
पुनः जय -जय कार,

बहुत बढ़िया बबन भईया , एकदम सही बात आपने कही है, आज तक तो नेता लोग अक्ल की ही खेती करते रहे और जनता को भैस बना कर रख दिया है, जब चाहा थोड़ी सी हरी हरी दूब डाली और जितना चाहा दुह लिया, बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति , बहुत बहुत आभार ,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on June 8, 2010 at 11:02pm
जब वोटर न हुए
टस से मस
तब उन्होनें सवाल दागा
कितने लोगों के पास है
ट्रक्टर / ट्रक और बस
वोटर थे सब चुप ॥
hamare desh ka durbhagya hai ki humlog neta log ke jhaanse me aa jate hain...
waise rachna bahut hai badhiya hai

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