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Sheikh Shahzad Usmani's Discussions (5,062)

Discussions Replied To (4396) Replies Latest Activity

"नवीन जानकारी हेतु बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय समर कबीर साहिब।"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 11, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-99

337 Jan 13, 2019
Reply by नादिर ख़ान

"आदाब। सुस्वागतम । पीड़ितों के दर्द और आपबीती को शाब्दिक करती बेहतरीन रचना के लिए हार…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 11, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-99

337 Jan 13, 2019
Reply by नादिर ख़ान

"आदाब। लगभग सभी आयामों को बाख़ूबी शाब्दिक करते हुए विषय को परिभाषित करती बेहतरीन रचना…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 11, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-99

337 Jan 13, 2019
Reply by नादिर ख़ान

"आदाब। वाह। तीनों छंद-विधाओं रोचक शिल्प में समसामयिक ज्वलंत मुद्दों पर हमारी इच्छा अन…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 11, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-99

337 Jan 13, 2019
Reply by नादिर ख़ान

"दूसरी प्रस्तुति : "देश-परिवेश" (छंदमुक्त) : अपनी हर ईमानदारी का विरोधबेईमानों का बढ…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 11, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-99

337 Jan 13, 2019
Reply by नादिर ख़ान

" आदाब। ग़ज़ब की गंभीर किंतु रोचकता लिए विचारोत्तेजक सारगर्भित क्षणिकायें/कटाक्षिका-ग…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 11, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-99

337 Jan 13, 2019
Reply by नादिर ख़ान

"कुछ हाइकु : 1- देश-विदेशबदला परिवेशप्रकृति-रोधी 2-हैवानियतसूखा, बाढ़, सुनामीमानव-रो…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 11, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-99

337 Jan 13, 2019
Reply by नादिर ख़ान

"आदाब। नववर्ष के इस पहले काव्य महा उत्सव के सुंदर जोशीले आग़ाज़ हेतु तहे दिल से बहुत-…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 11, 2019 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-99

337 Jan 13, 2019
Reply by नादिर ख़ान

"आदाब। नेक काम करने वालों को ईश्वर ईनाम भी देता है ज़मीं और आसमां में स्वर्ग भी, लेकि…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 9, 2019 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

" समस्त ओपनबुक्सओनलाइनडॉटकॉम-साहित्य-पत्रिका-वेबसाइट-परिवार को तहे दिल से नये साल की…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Jan 1, 2019 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, ग़ज़ल अभी और मश्क़ और समय चाहती है। "
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"जनाब ज़ैफ़ साहिब आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें।  घोर कलयुग में यही बस देखना…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"बहुत ख़ूब। "
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपके सुझाव बेहतर हैं सुधार कर लिया है,…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमित जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीक़ी से समझने बताने और ख़ूबसू रत इस्लाह के लिए,ग़ज़ल…"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"ग़ज़ल — 2122 2122 2122 212 धन कमाया है बहुत पर सब पड़ा रह जाएगा बाद तेरे सब ज़मीं में धन दबा…"
4 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"2122 2122 2122 212 घोर कलयुग में यही बस देखना रह जाएगा इस जहाँ में जब ख़ुदा भी नाम का रह जाएगा…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। सुधीजनो के बेहतरीन सुझाव से गजल बहुत निखर…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाइये।"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, कुछ सुझाव प्रस्तुत हैं…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"जा रहे हो छोड़ कर जो मेरा क्या रह जाएगा  बिन तुम्हारे ये मेरा घर मक़बरा रह जाएगा …"
8 hours ago

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