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Ashok Kumar Raktale's Discussions (6,371)

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"पूरे यौवन भर गले में पड़ा रहता है   व्यक्ति को लड़की बनाए जाने का फंदा I........वाह !…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 7, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-58

806 Aug 8, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"आदरणीय  मनन कुमार सिंह जी सादर, बह्र को साधती  सुंदर  रचना  हुई  है. प्रदत्त  विषय प…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 7, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-58

806 Aug 8, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"जो सुना था शायद सच ही सुना था ,यही कि , अगर फन्दे सोने के बने हों , लोग खुद ही गले म…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 7, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-58

806 Aug 8, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

प्रधान संपादक

""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-57 के सफल आयोजन की प्रस्तुतियों  के  त्वरित  संकलन  के  …"

Ashok Kumar Raktale replied Jul 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57 में सम्मिलित सभी रचनाएँ

58 Jul 13, 2015
Reply by Rekha Mohan

"आदरणीय  रमेश कुमार  चौहान  जी  सादर, बहुत  सुन्दर  दोहा  गीत  रचा  है. आशा  है  अगला…"

Ashok Kumar Raktale replied Jul 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57

696 Jul 11, 2015
Reply by Satyanarayan Singh

"तुला-दंडिका मारता , अरे मूर्ख मक्कार उधर हो  रहा हर घड़ी, तुलन-पत्र तैयार |........सत…"

Ashok Kumar Raktale replied Jul 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57

696 Jul 11, 2015
Reply by Satyanarayan Singh

"आदरणीया सविता मिश्रा  जी  सादर, देश  की न्याय व्यवस्था  कितनी  खर्चीली की वास्तविक  …"

Ashok Kumar Raktale replied Jul 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57

696 Jul 11, 2015
Reply by Satyanarayan Singh

"पूछता है प्रश्न सहचारित्व मेरा- क्यों सदा घुलता रहे अस्तित्व मेरा ?   गर्व था जिन लब…"

Ashok Kumar Raktale replied Jul 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57

696 Jul 11, 2015
Reply by Satyanarayan Singh

"जीवन का तो जानिये, यही सरल आधार एक तराजू पर तुले,  सुखों-दुखों का भार  II 1 II......…"

Ashok Kumar Raktale replied Jul 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57

696 Jul 11, 2015
Reply by Satyanarayan Singh

"रात गई सब बात गईमन पलड़ा उन्मुक्त हुआखेला पलड़ा लुका छिपीडंडी तराजू मुक्त हुआसाथी अब…"

Ashok Kumar Raktale replied Jul 11, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57

696 Jul 11, 2015
Reply by Satyanarayan Singh

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"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
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"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
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ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
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Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
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गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
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"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
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कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
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"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
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जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
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surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
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"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
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Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
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