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Vijay Joshi's Discussions (134)

Discussions Replied To (131) Replies Latest Activity

"आदरणीय सर जी आपने कथा पर जो पक्ष रखा है। अपने मेरे लिए समय देकर जो मार्गदर्शन व सुझा…"

Vijay Joshi replied Sep 29, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"आभार आदरणीय बहुत दिनो बाद शिरकत की है।"

Vijay Joshi replied Sep 29, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"शुक्रिया जनाब तस्दीक़ भाई जान"

Vijay Joshi replied Sep 29, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"आदरणीया रस्मी जी आभार , आपने मेरे लिए वक्त दिया। आपने विचानो से अवगत करवाया। आपके सु…"

Vijay Joshi replied Sep 29, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"उजाला राधा को यह समझने या समझाने में दस वर्ष बीत गये, कि वैवाहिक जीवन का उद्देश्य क…"

Vijay Joshi replied Sep 29, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

प्रधान संपादक

"आदरणीय योगराज सर जी आपने इस बार सभी रचनाएँ संकंलन मेँ रख कर सभी का प्रोत्साहन किया ह…"

Vijay Joshi replied Jan 2, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-21 में सम्मिलित सभी लघुकथाएँ

36 Jan 11, 2017
Reply by Sudhir Dwivedi

"सीमा जी रचना कर्म में किसी कथा का विषय की सार्थकता को प्रतिपादित करते हुए लिखना कठिन…"

Vijay Joshi replied Dec 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-21 (विषय:अँधेरी राहों के मुसाफ़िर)

831 Jan 1, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

"आभार आदरणीय मिथिलेश जी"

Vijay Joshi replied Dec 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-21 (विषय:अँधेरी राहों के मुसाफ़िर)

831 Jan 1, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

"बहादुर असलम का जोश और रूपसिंह का असलम के प्रति विश्वास दोनों कायम रहा। ऐसे सच्चे देश…"

Vijay Joshi replied Dec 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-21 (विषय:अँधेरी राहों के मुसाफ़िर)

831 Jan 1, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

"अँधेरी राहों का मुसाफ़िर //दोयम दर्जा// . 'रागिनी ज़िद छोड़ दो।' 'कोई और रास्ता अपना लो…"

Vijay Joshi replied Dec 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-21 (विषय:अँधेरी राहों के मुसाफ़िर)

831 Jan 1, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

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"अच्छे मिसरे बाँधे हैं अजय जी। परन्तु थोड़ा सा और तराशा जाए तो सभी अशआर और ज़ियादा चमकने लगेंगे। आपकी…"
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"सजावट से रौनक बढ़ेगी भले हीबनेगा मकाँ  से  ये  घर धीरे धीरे// अच्छा शेर है! अच्छे…"
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"ये दुनिया है दरिया उतर धीरे धीरे चला जा इधर से उधर धीरे धीरे वो नज़रें झुकाए अगर धीरे धीरे उतर ही न…"
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"नमस्कार आभार आपने ग़ज़ल पर चर्चा की।  पहुंचे नहीं पहुंचें लिखा है अर्थात पहुंचेंगे। फिर भी…"
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"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण जी    "
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"बहा ले न जाए सँभल तेज़ धाराजहाँ उठ रहा है भँवर धीरे-धीरे।२। आपकी ही की बात और सरल शब्दों में तुझे…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"गिरह के शेर में 'जहाँ जल्दबाज़ी में पहुँचे थे कल तुम' कहना सहज होता।  रदीफ़ क़ाफ़िया…"
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