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"तेरी उल्फत ने जाने-जां दिल का ये अंजाम किया रात को रो-रो सुबह किया या दिन को ज्यों-त…"

Dr.Prachi Singh replied Jul 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आ० समर कबीर जी  सभी अशआर पसंद आये ....हार्दिक बधाई इस पेशकश…"

Dr.Prachi Singh replied Jul 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"//संतों  के पथ कंटक कंटक दुर्जन के पथ फूल खिले लिखकर उलटा तकदीरों को ये क्या तूने रा…"

Dr.Prachi Singh replied Jul 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"वाह ! गरीबी ने  रोटी को  चन्दा की उपमा दे दी मूँगफली के दानों को भी इसने ही बादाम कि…"

Dr.Prachi Singh replied Jul 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"बढ़िया अशआर कहे हैं श्री सुनील जी ' इस प्रयास पर बधाई स्वीकार करें "

Dr.Prachi Singh replied Jul 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"दिल देकर तुझको क्या पाया  खुद का चैन तमाम किया रात जगी तारे गिन-गिन जब दुनिया ने आरा…"

Dr.Prachi Singh replied Jul 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"बहुत खूबसूरत अश'आर कहे हैं आ० दिनेश जी  हालात बहुत मुश्किल थे हमने, आखिर ये भी काम…"

Dr.Prachi Singh replied Jul 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आ० मिथिलेश जी  जब-जब मेरी आँखें बरसीं, तब-तब दिल ने समझाया…"

Dr.Prachi Singh replied Jul 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं प्रिय कांता रॉय जी  सस्नेह "

Dr.Prachi Singh replied Jul 21, 2015 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"पोस्टमार्टम के बाद बदलाव बहुत सटीक हुआ है :)"

Dr.Prachi Singh replied Jul 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57

696 Jul 11, 2015
Reply by Satyanarayan Singh

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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
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