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seema agrawal's Discussions (721)

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" बढ़िया गज़ल सुरेश जी ...कहन में थोडा और पैनापन होता तो और मज़ा आता ......प्रस्तुति के…"

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"सहमत हूँ संदीप जी "

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"वाह दूसरी प्रस्तुति और भी जोरदार हुयी है अविनाश जी  घडी की ये टिक-टिक ओ काँटों के चल…"

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"समय देखिये अब उजाले फिसलते हया छटपटाती  यहाँ दिन के ढलते !...वाह क्या बात है शब्दों…"

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"सुन्दर गज़ल कही है अरुण आपकी सादगी और मेहनत दिख रही है  वफ़ा खेल है धूप औ छाँव वाला,फि…"

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"रहेगा मोहब्बत का जज्बा मुकम्मल पतंगा जलेगा शमा जलते जलते...वाह  कसम खा के भी दिल कहा…"

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"रिवाजों ने टोका निकलते निकलते कहाँ जा रही हो उछलते उछलते......अरे अरे अरे ..राजेश जी…"

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"वहाँ दूर तक इक ख़मोशी बिछी थी, कई दास्ताने पढ़ी राह में चलते चलते...वाह खामोशी से दास्…"

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"महकती मेरे गाँव की मिट्टी अब भी,कभी लेती आना हवा तू निकलते ।..दिल को छूता हुआ शेर  ट…"

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"मोहब्बत है मुझसे तो कह दो किसी दिन इशारे से छत पर टहलते टहलते...अरे वाह क्या बात है…"

seema agrawal replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

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"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
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" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
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"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
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"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
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"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
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"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत दोहे चित्र के मर्म को छू सके जानकर प्रसन्नता…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई शिज्जु शकूर जी सादर,  प्रस्तुत दोहावली पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आर्ष ऋषि का विशेषण है. कृपया इसका संदर्भ स्पष्ट कीजिएगा. .. जी !  आयुर्वेद में पानी पीने का…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
3 hours ago

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