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विनय कुमार's Discussions (1,589)

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"बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है आ गंगा धर शर्मा हिन्दुस्तानी साहब, दिली बधाई स्वीकार कीजिये"

विनय कुमार replied Aug 24, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-98

274 Aug 25, 2018
Reply by Samar kabeer

"बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है आ गंगा धार शर्मा हिन्दुस्तानी साहब, दिली बधाई स्वीकार कीजिये"

विनय कुमार replied Aug 24, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-98

274 Aug 25, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह, वाह, शेर दर शेर बेहतरीन ग़ज़ल हुई है, बहुत बहुत बधाई आ नविन मणि त्रिपाठी साहब"

विनय कुमार replied Aug 24, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-98

274 Aug 25, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह, बेहद शानदार ग़ज़ल से मुशायरे का आगाज़ करने के लिए बहुत बहुत मुबारकवाद आ समर कबीर स…"

विनय कुमार replied Aug 24, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-98

274 Aug 25, 2018
Reply by Samar kabeer

"बहुत बहुत आभार आ तस्दीक अहमद खान साहब"

विनय कुमार replied Aug 10, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-94

303 Aug 11, 2018
Reply by Samar kabeer

"बहुत बहुत आभार आ अजय गुप्ता जी"

विनय कुमार replied Aug 10, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-94

303 Aug 11, 2018
Reply by Samar kabeer

"बहुत बहुत आभार आ समर कबीर साहब"

विनय कुमार replied Aug 10, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-94

303 Aug 11, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह, सावन पर बहुत सुंदर दोहे लिखे है आपने आ डॉ छोटेलाल सिंह जी, बहुत बहुत बधाई आपको"

विनय कुमार replied Aug 10, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-94

303 Aug 11, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह, वाह, सावन पर बहुत सुंदर विरह गीत लिखा है आपने आ बासुदेव अग्रवाल 'नमन जी, बहुत ब…"

विनय कुमार replied Aug 10, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-94

303 Aug 11, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह, सावन पर बहुत सुंदर दोहे लिखे है आपने आ प्रतिभा पांडे जी, बहुत बहुत बधाई आपको"

विनय कुमार replied Aug 10, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-94

303 Aug 11, 2018
Reply by Samar kabeer

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मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं मगर पाण्डव हैं मुट्ठी भर, खड़े हैं. .हम इतनी बार जो गिर कर खड़े हैं…See More
2 hours ago
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2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,यह ग़ज़ल तरही ग़ज़ल के साथ ही हो गयी थी लेकिन एक ही रचना भेजने के नियम के चलते यहाँ…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। यह गजल भी बहुत सुंदर हुई है। हार्दिक बधाई।"
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Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. अजय जी ...जिस्म और रूह के सम्बन्ध में रूह को किसलिए तैयार किया जाता है यह ज़रा सा फ़लसफ़ा…"
Wednesday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"मुशायरे की ही भाँति अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई नीलेश जी। मतला बहुत अच्छा लगा। अन्य शेर भी शानदार हुए…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post उस मुसाफिर के पाँव मत बाँधो - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद और बधाइयाँ.  वैसे, कुछ मिसरों को लेकर…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"हार्दिक आभार आदरणीय रवि शुक्ला जी। आपकी और नीलेश जी की बातों का संज्ञान लेकर ग़ज़ल में सुधार का…"
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