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":-)))) शुब्ह-ओ-शाम को शुब् हो शा(म) यानि २ २ २ (१) लिख सकते हैं न ? खैर इसे हटाइये,…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

"संभवतः इसकी आवश्यकता न हो.  हम-ओ-तुम का मतलब हम औ तुम ही है. यहाँ हम-ओ-तुम के ओ का म…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

"उसी आलेख से -वाव अर्थात "ओ" की मूल मात्रा लघु होती है इसे भी जरूरत पड़ने पर उठा कर दी…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

"और,  हम मिसरेमें गेयता की, प्रवाह की बात कर रहे हैं.. जिस धारा प्रवाह ढंग से आपकी इस…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

"आदरणीय गिरिराजभाईजी, आपकी ग़ज़ल के लिए दिल से बधाई. ग़िरह आपने कमाल बाँधा है. इस शेर पर…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

"चन्द्रशेखर भइयाजी,  हम-ओ-तुम वस्तुतः यहाँ २ २ २ है.. आदरणीय नीलेशजी का यह शेर हर लिह…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

"वाह वाह वाह .. बार-बार वाह !!किस पर क्या कहूँ, आदरणीय नीलेश भाईजी ! हर शेर में जान ह…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

"पूछा जो कभी क्यूँ उड़ते हो, रुत है ये सुहानी कह देंगेइस जोश का कारण पूछा तो, बाक़ी ह…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

"आपकी ग़ज़ल का अंदाज़ भा गया भाई शिज्जूजी. हर शेर में एक नया खयाल प्रभावित भी करता है और…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

"मोहतरम गुलशन साहब, आपकी ग़ज़ल का मतला ही समां बाँध देता है. और क्या लाज़वाब गिरह लगायी…"

Saurabh Pandey replied Jul 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-49

431 Jul 26, 2014
Reply by भुवन निस्तेज

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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Nov 17
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"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 16
Sushil Sarna posted a blog post

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दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Nov 16

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