For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राज़ नवादवी's Discussions (490)

Discussions Replied To (474) Replies Latest Activity

"बहुत खूब- //जाते हुए लम्‍हों का भरपूर मज़ा ले लो इक बार गयी रुत ये कब लौट के आनी है/…"

राज़ नवादवी replied Oct 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २८ (Closed with 649 Replies)

649 Oct 30, 2012
Reply by योगराज प्रभाकर

"उफ्फ़, बड़ा दर्द और गहरा सोज़ है इस शेर में- //जो लाडली थी इक दिन, इक नूर सी छलकी थी, अ…"

राज़ नवादवी replied Oct 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २८ (Closed with 649 Replies)

649 Oct 30, 2012
Reply by योगराज प्रभाकर

"क्यां कहने हैं जनाब लतीफ़ खान साहेब, तकरीबन सभी अशार काबिलेदाद है. ये दो अशआर कुछ खास…"

राज़ नवादवी replied Oct 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २८ (Closed with 649 Replies)

649 Oct 30, 2012
Reply by योगराज प्रभाकर

"बहुत खूब खैराबादी साहेब.. //गम लाख शफाअत हों हम शौक़ से सह लेंगेबस प्यार मोहब्बत में…"

राज़ नवादवी replied Oct 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २८ (Closed with 649 Replies)

649 Oct 30, 2012
Reply by योगराज प्रभाकर

"पूरी गज़ल काबिले तारीफ़ है भाई हसरत साहेब... //इस ग़म का सबब क्या हे लो तुम को बताता हू…"

राज़ नवादवी replied Oct 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २८ (Closed with 649 Replies)

649 Oct 30, 2012
Reply by योगराज प्रभाकर

"ये दौरे गरानी भी क्या दौर-ए-गरानी है lहै खून जहाँ सस्ता महंगा वहीं पानी है ll बहुत ख…"

राज़ नवादवी replied Oct 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २८ (Closed with 649 Replies)

649 Oct 30, 2012
Reply by योगराज प्रभाकर

"आदरणीय उमाशंकर जी, आपकी दाद और हौसलाअफजाई का तहेदिल से शुक्रिया! "

राज़ नवादवी replied Oct 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २८ (Closed with 649 Replies)

649 Oct 30, 2012
Reply by योगराज प्रभाकर

"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय तिलकाराज जी आपके मार्गदर्शन का. सादर! "

राज़ नवादवी replied Oct 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २८ (Closed with 649 Replies)

649 Oct 30, 2012
Reply by योगराज प्रभाकर

"अव्वल तो तरही मिसरे के शेर के आखरी रुक्न को लेकर उहापोह थी कि वो मुफाईलुन (१२२२) है…"

राज़ नवादवी replied Oct 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा"अंक २८ (Closed with 649 Replies)

649 Oct 30, 2012
Reply by योगराज प्रभाकर

"अंग्रेज़ी में इक शब्द है- वाओ! बस आपकी ये रचना पढके मुंह से यही निकला. क्या तत्सम पदा…"

राज़ नवादवी replied Oct 6, 2012 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - २४ (Now Closed)

931 Oct 9, 2012
Reply by Saurabh Pandey

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
4 hours ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
7 hours ago
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
7 hours ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं करवा चौथ का दृश्य सरकार करती  इस ग़ज़ल के लिए…"
8 hours ago
Ravi Shukla commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेंद्र जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं शेर दर शेर मुबारक बात कुबूल करें। सादर"
8 hours ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी गजल की प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई गजल के मकता के संबंध में एक जिज्ञासा…"
8 hours ago
Ravi Shukla commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय सौरभ जी अच्छी गजल आपने कही है इसके लिए बहुत-बहुत बधाई सेकंड लास्ट शेर के उला मिसरा की तकती…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर आपने सर्वोत्तम रचना लिख कर मेरी आकांक्षा…"
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे... आँख मिचौली भवन भरे, पढ़ते   खाते    साथ । चुराते…"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"माता - पिता की छाँव में चिन्ता से दूर थेशैतानियों को गाँव में हम ही तो शूर थे।।*लेकिन सजग थे पीर न…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे सखा, रह रह आए याद। करते थे सब काम हम, ओबीओ के बाद।। रे भैया ओबीओ के बाद। वो भी…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service