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नादिर ख़ान's Discussions (1,566)

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"वो ज़मीं मेरी वो मेरा आसमां हो जाएंगेयूँ समा जाएंगे दिल में एक जाँ हो जाएँगे आदरणीया…"

नादिर ख़ान replied Jul 28, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-97

517 Jul 28, 2018
Reply by अजीत शर्मा 'आकाश'

"आदरणीय गुरप्रीत जी अच्छी गज़ल हुयी है ढेरों मुबारकबाद आपको ...."

नादिर ख़ान replied Jul 28, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-97

517 Jul 28, 2018
Reply by अजीत शर्मा 'आकाश'

"जनाब तसदीक़ साहब बहुत ही उम्दा गज़ल कही आपने मुबारकबाद कूबूल करें .. एक संशय सा दिल मे…"

नादिर ख़ान replied Jul 28, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-97

517 Jul 28, 2018
Reply by अजीत शर्मा 'आकाश'

"वो हमें बर्बाद करके शादमाँ हो जाएँगे और हम अपने ही घर में बेज़ुबाँ हो जाएँगे   गर बुर…"

नादिर ख़ान replied Jul 28, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-97

517 Jul 28, 2018
Reply by अजीत शर्मा 'आकाश'

"इक ज़रा सी बात पर यूँ सर गराँ हो जाएँगेक्या ख़बर थी आप इतने बद गुमाँ हो जाएँगे बन भी…"

नादिर ख़ान replied Jul 28, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-97

517 Jul 28, 2018
Reply by अजीत शर्मा 'आकाश'

"तल्ख़ियाँ तो थीं मगर ऐसा कभी सोचा न था  फ़ासले यूँ ज़हन-ओ-दिल के दरमियाँ हो जाएँगे. आदर…"

नादिर ख़ान replied Jul 28, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-97

517 Jul 28, 2018
Reply by अजीत शर्मा 'आकाश'

"खुल के कहने की वक़ालत करते करते एक दिन किसने सोचा था कि हम भी बेज़ुबाँ हो जाएँगे ....ब…"

नादिर ख़ान replied Jul 28, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-97

517 Jul 28, 2018
Reply by अजीत शर्मा 'आकाश'

"जाने क्यूं इश्क़ विश्क कर बैठे, जानते थे कि दुनिया फ़ानी है । लाजवाब  शेर  एक बस तू…"

नादिर ख़ान replied Jun 28, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-96

699 Jun 28, 2018
Reply by Samar kabeer

"घर से दफ़्तर की बस कहानी हैये मशीनों सी ज़िन्दगानी है तेरे लफ़्ज़ों में लनतरानी हैफ़ि…"

नादिर ख़ान replied Jun 28, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-96

699 Jun 28, 2018
Reply by Samar kabeer

"जनाब समर साहब सही पकड़े हैं हड़बड़ी में गड़बड़ी हो गई   चार दिन की ये ज़िन्दगानी है."

नादिर ख़ान replied Jun 27, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-96

699 Jun 28, 2018
Reply by Samar kabeer

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Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
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लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
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सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
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Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
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"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
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