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खुशियों की सौगातें लाया
झूम के देखो सावन आया
चंचल सोख़ हवा इतराई
बारिश की बौछारें लाई
महक उठा अब मन का आँगन
भीनी भीनी सी खुशबू छाई
देख छटा हर मन हर्षाया
झूम के देखो सावन आया ...
मन की बगिया महक रही है
पंछी बन के चहक रही है
इच्छाओं को पंख मिल गए
दिल की धड़कन बहक रही है
मौसम में है खुमार छाया
झूम के देखो सावन आया ...
धरती बाहों को…
ContinuePosted on August 14, 2018 at 11:21pm — 6 Comments
(122 122 122 122)
कोई बात दिल में छुपाते नहीं हैं
मगर आँसुओं को दिखाते नहीं हैं
सहे ज़ुल्म हमने सदा हँसते हँसते
मिले ज़ख्म कितने गिनाते नहीं हैं
ये बातें हैं दिल की सुनो तुम भी…
ContinuePosted on February 18, 2018 at 8:00pm — 6 Comments
(1222 1222 122)
जिन्हें आने की फुरसत ही नहीं है
उन्हे मिलने की हसरत ही नहीं है
अगर तुझमें शराफत ही नहीं है
मुझे तेरी ज़रूरत ही नहीं है
डुबो देगी हमें ये बेईमानी
ये इंसानों की फ़ितरत ही नहीं है
उगलते हैं ज़ुबाँ से आग अपनी
बची इनमें शराफत ही नहीं है
चलो छोड़ो जुदा थी राह अपनी
हमें तुमसे शिकायत ही नहीं है
असल मुद्दों से ही भटकाये रखना
सियासत की रिवायत ही नहीं…
ContinuePosted on February 4, 2018 at 6:31pm — 10 Comments
आपका हार्दिक आभार आदरणीय
नादिर जी
आपको मित्र रूप मे पाकर मुझे बहुत खुशी हुई.
खुश रहिए.. धन्यवाद
बहोत बहोत शुक्रिया ओ बी ओ परिवार में मुझे शामिल करने के लिये।
हमारे ओबीओ परिवार एवं मेरी मित्र मंडली मे आपका हार्दिक स्वागत है ।
मित्रता स्वीकार के लिए हार्दिक धन्यवाद!
आपने मुझे मित्रता योग्य समझा इसके लिए आपका आभार!
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