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सतविन्द्र कुमार राणा's Discussions (3,238)

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"आदरणीया बबिता जी, हार्दिक बधाई इस सामयिक कथा के लिए।"

सतविन्द्र कुमार राणा replied May 31, 2020 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-62 (विषय: मर्यादा)

160 Jun 1, 2020
Reply by योगराज प्रभाकर

"क़ायदा मतलब का "देख रे, भले ही कितनी पढ़ी-लिखी हो, प्राइबेट स्कूल में नौकरी करन तो बहू…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied May 31, 2020 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-62 (विषय: मर्यादा)

160 Jun 1, 2020
Reply by योगराज प्रभाकर

"सुख तो बढ़ कर कई गुणा हो, दुःख मगर जाता है हार संग खड़ा मिलता है सब को, जब-जब अपना घर-…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied May 10, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-115

90 May 11, 2020
Reply by Usha Awasthi

"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी सादर नमन, विद्यार्जन, आर्थिक उत्थान और ओहदेदार होने के ब…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Apr 30, 2020 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-61 (विषय: प्रकृति)

47 Apr 30, 2020
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

"आदरणीय सलिक जी, सादर नमन। प्रयास पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने के लिए सादर आभार।"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Apr 30, 2020 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-61 (विषय: प्रकृति)

47 Apr 30, 2020
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

"आदरणीय तेजवीर जी, अनुमोदन एवं उत्साहवर्धन के लिए सादर हार्दिक आभार"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Apr 30, 2020 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-61 (विषय: प्रकृति)

47 Apr 30, 2020
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

"आदरणीय तेजवीर जी सादर नमन, सामयिक हालात में भले ही मानव जाति एक डर के साये में दिन क…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Apr 30, 2020 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-61 (विषय: प्रकृति)

47 Apr 30, 2020
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

"आदरणीया कनक जी सादर नमन, खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है। जब मौसम बहार का हो तो…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Apr 30, 2020 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-61 (विषय: प्रकृति)

47 Apr 30, 2020
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, सादर नमन। हार्दिक बधाई इस सामयिक प्रस्तुति के लिए। सादर"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Apr 30, 2020 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-61 (विषय: प्रकृति)

47 Apr 30, 2020
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

"फ़र्क की प्रकृति राम निवास आज भी टूटते बदन के साथ ही घर पहुंचा। वह बैठा ही था कि उसक…"

सतविन्द्र कुमार राणा replied Apr 30, 2020 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-61 (विषय: प्रकृति)

47 Apr 30, 2020
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

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"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
2 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
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"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय गिरिराज जी।  नीलेश जी की बात से सहमत हूँ। उर्दू की लिपि…"
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