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नादिर ख़ान's Discussions (1,565)

Discussions Replied To (1525) Replies Latest Activity

"ये हुनर रहा न बाकी, तेरे मयकदे में साक़ी तू नज़र से ही पिला दे, कोई जाम तक पहुँचे बहुत…"

नादिर ख़ान replied Aug 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-74

649 Aug 27, 2016
Reply by Samar kabeer

"तेरा घर है अपनी मंज़िल है सड़क भी सीधी सीधी ये पता नहीं के क्यों हम तेरे धाम तक न पहुं…"

नादिर ख़ान replied Aug 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-74

649 Aug 27, 2016
Reply by Samar kabeer

"अच्छी  ग़ज़ल कही आदरणीय शिज्जु भाई ... बहुत मुबारकबाद आपको..."

नादिर ख़ान replied Aug 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-74

649 Aug 27, 2016
Reply by Samar kabeer

"तेरी रहमतें हैं मौला मेरे घौसले पे इतनीमेरी ख़्वाहिशों के ताइर कभी दाम तक न पहुँचे उम…"

नादिर ख़ान replied Aug 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-74

649 Aug 27, 2016
Reply by Samar kabeer

"तेरे नाम से शुरू हो मेरे नाम तक न पहुँचे है वो खत बिना पते का जो मुकाम तक न पहुँचे  …"

नादिर ख़ान replied Aug 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-74

649 Aug 27, 2016
Reply by Samar kabeer

"आस विश्वास से भरी रेशमी लड़ियाँसुन रही हैं अच्छी बातें, बातें रक्षा, सम्मान और बंधन क…"

नादिर ख़ान replied Aug 13, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-70

620 Aug 14, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"घर बेशक छोटा है लेकिनमिल कर इसमें रह लेंगे तेरी बाते सुन लेंगे कुछ अपने मन की कह लें…"

नादिर ख़ान replied Aug 13, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-70

620 Aug 14, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"प्रदत्त विषय पर उम्दा गीत........  बहुत मुबारकबाद आदरणीया राहिला जी। ........"

नादिर ख़ान replied Aug 13, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-70

620 Aug 14, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"एक उदर के जाये दोनों रही गोद भी एक उत्पाती क्यों हुआ सहोदर भाव लिये अतिरेक गन्दी सो…"

नादिर ख़ान replied Aug 13, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-70

620 Aug 14, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"कच्चे धागों में पक्का है भाई बहन का प्यार प्यार ही मज़हब इस धागे का इसमें जीत न हार..…"

नादिर ख़ान replied Aug 13, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-70

620 Aug 14, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. भाई जैफ जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ेफ जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"//जिस्म जलने पर राख रह जाती है// शुक्रिया अमित जी, मुझे ये जानकारी नहीं थी। "
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमित जी, आपकी टिप्पणी से सीखने को मिला। इसके लिए हार्दिक आभार। भविष्य में भी मार्ग दर्शन…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"शुक्रिया ज़ैफ़ जी, टिप्पणी में गिरह का शे'र भी डाल देंगे तो उम्मीद करता हूँ कि ग़ज़ल मान्य हो…"
5 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. दयाराम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। आ. अमित जी की इस्लाह महत्वपूर्ण है।"
5 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. अमित, ग़ज़ल पर आपकी बेहतरीन इस्लाह व हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, समयाभाव के चलते निदान न कर सकने का खेद है, लेकिन आदरणीय अमित जी ने बेहतर…"
5 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. ऋचा जी, ग़ज़ल पर आपकी हौसला-अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
5 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. लक्ष्मण जी, आपका तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
5 hours ago

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