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डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव's Discussions (3,041)

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"sआदर आभार आदरणीय "

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"अ० अनुज आपकी सोहबत , मोहब्बत और सिखावन से सीख रहा हूं . "

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"aआदरणीया आभार . "

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"sआदर आभार ."

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आपका स्पष्टीकरण भी सही है पर शेर के समझने में इतना मगज खपाना पड़े तो भी दोष होता है I…"

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"अच्छी गजल केलिए बधाई "

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ये सरगुज़श्त है दिल टूटने बिखरने कीसुने वही, है हुनर जिसमें आह भरने का-------------क…"

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बड़ी तलब थी मुझे, रोज़ रोज़ जीने की, सुनाया हुक्म गया रोज़ रोज़ मरने का.------------बेहतर…"

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"हथेलियों में समंदर संभालते हैं हम  रियाज रोज सबब बनता फन निखरने का --------------बहु…"

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आपकी  बेह्तारीन कोशिश को दाद "

डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. भाई जैफ जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद।"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय ज़ेफ जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
12 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"//जिस्म जलने पर राख रह जाती है// शुक्रिया अमित जी, मुझे ये जानकारी नहीं थी। "
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय अमित जी, आपकी टिप्पणी से सीखने को मिला। इसके लिए हार्दिक आभार। भविष्य में भी मार्ग दर्शन…"
12 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"शुक्रिया ज़ैफ़ जी, टिप्पणी में गिरह का शे'र भी डाल देंगे तो उम्मीद करता हूँ कि ग़ज़ल मान्य हो…"
12 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. दयाराम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। आ. अमित जी की इस्लाह महत्वपूर्ण है।"
12 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. अमित, ग़ज़ल पर आपकी बेहतरीन इस्लाह व हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
12 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, समयाभाव के चलते निदान न कर सकने का खेद है, लेकिन आदरणीय अमित जी ने बेहतर…"
12 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. ऋचा जी, ग़ज़ल पर आपकी हौसला-अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
12 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आ. लक्ष्मण जी, आपका तह-ए-दिल से शुक्रिय:।"
13 hours ago

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