For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dr.Brijesh Kumar Tripathi's Discussions (351)

Discussions Replied To (301) Replies Latest Activity

"रात काली है.. घुप अँधेरा है.. आजकल कुछ देर से होता सवेरा है.. दोस्तों ! अब तो जला दे…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Nov 5, 2010 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक-१ ( Now Close )

1215 Nov 11, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

"भाई नूरैन जी आपकी मुबारक बाद हमें स्वीकार इतनी सुन्दर रचना से दिल बागबाग हो गया रोशन…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Nov 2, 2010 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक-१ ( Now Close )

1215 Nov 11, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

"चलो मिल दीप जलाएं ... घर-घर का अज्ञान-अँधेरा दूर भगावें... सरस्वती मैया को अपने शीश…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Nov 2, 2010 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक-१ ( Now Close )

1215 Nov 11, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

"मित्रों, उसी क्रम मे मेरी पंक्तियाँ प्रस्तुत हैं. चाह रहा हूँ आग लगे सारी दुनिया मे…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Nov 1, 2010 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक-१ ( Now Close )

1215 Nov 11, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"श्रद्धेय सलिल जी, फिर से गौर करने का आपका हुकुम सर माथे पर... आपके साथ हूँ यही गौरव…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Oct 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"भाई योगराज जी नौसिखिया हूँ ..शायर हूँ भी कि नहीं, पता नहीं..गलतियाँ शायद इसीलिए कर ज…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Oct 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"ज़िन्दगी का दर्द बयां से बाहर हो गया अब... सुकून-ए-मौत से फिर भी लगता डर क्यूँ है.…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Oct 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"पाँव फैलाऊँ मैं कैसे के न सर खुल जाए इतनी छोटी सी इलाही मेरी चादर क्यूँ है वाह वाह म…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Oct 2, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"आचार्य जी प्रणाम , आपके शेरों की गहराई ने मन को मोह लिया है ....और आपने जो कठिन शब्द…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Oct 2, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"नवीन जी आपके सारे शेर शेर नहीं सवा सेर हैं ...चुभते हुए नश्तर शायद इतने पैने नहीं हो…"

Dr.Brijesh Kumar Tripathi replied Oct 1, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service