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Usha Awasthi's Discussions (32)

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"बचपन-जवानी-बुढ़ापा उषा अवस्थी बचपन- खाया, खेला, सो गए; सुखी, मस्त, उन्मुक्त बचपन ब…"

Usha Awasthi replied Oct 14, 2023 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-156

18 Oct 15, 2023
Reply by Saurabh Pandey

"चलो उजाले ओर उषा अवस्थी अविश्वास का घना अँधेरा फैला चारों ओर आपस का सौहार्द न टूटे…"

Usha Awasthi replied Oct 15, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-144

7 Oct 16, 2022
Reply by Dayaram Methani

"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी , रचना सुन्दर लगी , जानकर हर्ष हुआ। हार्दिक आभार आप…"

Usha Awasthi replied Aug 14, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-142

27 Aug 14, 2022
Reply by Usha Awasthi

"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी, रचना सुन्दर लगने हेतु हार्दिक धन्यवाद"

Usha Awasthi replied Aug 14, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-142

27 Aug 14, 2022
Reply by Usha Awasthi

"आदरणीय दयाराम मेथानी जी , सृजन सुन्दर लगा ,जानकर  खुशी हुई।  हार्दिक आभार आपका"

Usha Awasthi replied Aug 14, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-142

27 Aug 14, 2022
Reply by Usha Awasthi

"जय हिन्द रवि किरण नूतन, नवल है आज की यह प्रात गूँजता जय हिंद का नारा सुबह से भ्रात…"

Usha Awasthi replied Aug 14, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-142

27 Aug 14, 2022
Reply by Usha Awasthi

"आ0 प्रतिभा पाण्डे जी, आपको  रचना भाव, शिल्प तथा प्रदत्त विषय को संतुष्ट करती लगी, जा…"

Usha Awasthi replied Apr 18, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-138

20 Apr 19, 2022
Reply by Dayaram Methani

"आ0 चेतन प्रकाश जी, नमन। मैंने पटल पर कई बार देखा, इस विषय पर कोई रचना नहीं थी। ज्ञात…"

Usha Awasthi replied Apr 18, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-138

20 Apr 19, 2022
Reply by Dayaram Methani

"वक़्त पुराना और था आज वक़्त कुछ और ढूँढे आज विदेश में रोज़ी रोटी , ठौर छोड़ दिया मा…"

Usha Awasthi replied Apr 17, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-138

20 Apr 19, 2022
Reply by Dayaram Methani

"भूली बिसरी यादें भूली बिसरी यादें आजब तब मानस पर छा जातीं कड़वे खट्टे मीठे अनुभव का…"

Usha Awasthi replied Jan 15, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-135

82 Jan 16, 2022
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. भाई शिज्जू 'शकूर' जी, सादर अभिवादन। खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
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"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
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"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
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