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devendragautam's Discussions (12)

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"मगर क्यूँ है यह सृष्टि ऐसी क्यूँ पैदा करता है आकर्षण ईश्वर उनके बीच जो कभी मिल नहीं…"

devendragautam replied Jun 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"ग़र मौसम की तरह हम भी बदल जाते हैं तो रिश्तों के अर्थ ना जाने कहॉ खो जाते हैं kya ba…"

devendragautam replied Jun 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"आखिर किस चीज का बना है ये दिलजो कभी टूटता ही नहींकिसी को बद्दुआ देता ही नहींशायद रिश…"

devendragautam replied Jun 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"dhanywad dharan ji"

devendragautam replied Jun 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"सूखी बाड़ी, कंटक, झाड़ी निर्मम-निष्ठुर जीवन कितना चाहत-मरुथल, सपन बगूले प्यासी भटकन,…"

devendragautam replied Jun 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"अच्छे दोहे.बधाई! ---देवेंद्र गौतम"

devendragautam replied Jun 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"और नहीं कोई नाम है इनका हम सबके प्यारे''रिश्ते'' बहुत खूब! ---देवेंद्र गौतम"

devendragautam replied Jun 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"ढील तो दे दो रिश्तों की पतंग को डोर न छोड़ो वह क्या खूब हाइकु कहा आपने. सीधे दिल में…"

devendragautam replied Jun 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"क्षमा चाहूंगा मित्रो! पावर कट और नेट टावर प्रोब्लम के कारण मेरी उपस्थिति बाधित होती…"

devendragautam replied Jun 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"भाई सौरभ पांडे जी, धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी, संजय दानी जी! जर्रानवाजी और हौसला अफजाई…"

devendragautam replied Jun 9, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ८

306 Jun 11, 2011
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"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
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"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
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"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
13 hours ago

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"सुविचारित सुंदर आलेख "
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"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
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