For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भाइयों हमें एचआईवी/एड्स पे एक हिन्दी कविता की जरूरत है यदि संभव हो कृपया शेयर करें.................

Views: 1506

Reply to This

Replies to This Discussion

  • किस काम के लिए चाहिए और कहाँ प्रयोग करना है

  • मेरे पास एड्स पर कई कवितायें हैं

एक लिखित आवेदन के साथ आप कविता मेरी वैबसाइट से ले सकते हैं। शर्त है कि कविता के रचना कर का नाम नहीं हटाना होगा और उचित उद्धधरण करना होगा।

वैबसाइट : www.drsuryabali.com

आवेदन के लिए ईमेल करें : drsuryabali@gmail.com

सधन्यवाद

रोग तो अनेक प्रकार के हैं मानव में,

उनमे से एड्स की समस्या विकराल है।

सुलझी न गुत्थी इस रोग के इलाज़ की,

डॉक्टर और वैद्य सब इससे बेहाल हैं।।

                                   एक्वायर्ड इम्मुनो डिफीसियंसी सिंड्रोम नाम,

                                   आरएनए विषाणुजनित रोग की मिशाल है।

                                    एचआईवी विषाणु पैदा करता है एड्स को,

                                    रोक सके कौन इसे किसकी मजाल है।।

दूध, लार, मेरुद्रव्य में निवास करता है,

रक्त, वीर्य, योनिरस में तो मालामाल है।

करे मित्रता ये  सीडी-4 रक्त कणिका से,

पंगु प्रतिरक्षा करे ऐसी इसकी चाल है।।

                                  जब घट जाए प्रतिरोधक शक्ति तन की तो,

                                  कोई भी रोग कर सके बुरा हाल है।

                                  कहने को हमने तो चांद को भी जीत लिया,

                                  खोजे कैसे एड्स का इलाज़ ये सवाल है?

स्त्री, पुरुष, वर्ग, जाति-धर्म कोई हो,

करता न भेद भाव यही तो कमाल है।

सभी सूई, वैक्सीन, टबलेट बेकार हुए,

कोई भी दावा न तोड़ सकी इसका जाल है।।

                                 जांच करवा के ही खून चढ़वाइएगा,

                                 लगे नई सुई सिरिंज रखना ख्याल है।

                                 किसी अंजाने से संबंध जो बनाइये तो,

                                 उम्दा निरोध का ही करना इस्तेमाल है।।

रोग लाईलाज न तो टीका न दवाई है,

करिए बचाव एकमात्र यही ढाल है।

रोग लाईलाज न तो टीका न दवाई है,

करिए बचाव एकमात्र यही ढाल है।।

                                                               डॉ॰ सूर्या बाली “सूरज”

रोग तो अनेक प्रकार के हैं मानव में, उनमे से एड्स की समस्या विकराल है।

रोग लाईलाज न तो टीका न दवाई है, करिए बचाव एकमात्र यही ढाल है।।

असुरक्षित यौन संबंध के बनाने से,

संक्रमित ख़ून को शरीर मे चढ़ाने से,

नशे की सुई एक दूजे लगाने से,

संक्रमित माँ से नवजात शिशु मे, इस तरह एड्स फैलता मायाजाल है।

हाथ मिलाने से और साथ खाना खाने से,

छूने से या चुंबन से या गले लग जाने से,

काटने से मच्छर के और आम जगह जाने से,

साथ उठने बैठने या बोलने बतलाने से, फैलता नहीं एड्स यही इसका कमाल है।

विश्वव्यापी ए बीमारी, इससे बचो नर-नारी,

एड्स का प्रसार रोको सबकी है ज़िम्मेदारी,

बनोगे जो व्यभिचारी,मुफ़्त मिलेगी बीमारी,

घुट घुट के मारना होगा मस्ती पड़ेगी भरी, तब मत कहना की मेरा बुरा हाल है।

तेजी से चढ़े बुख़ार, आता रहे बार-बार,

बढ़ जाएँ गिल्टियाँ, वज़न घटे लगातार,

छोटे मोटे रोग भी जमाने लगे अधिकार,

दो-तीन महीने तक जब दस्त हो बार, तो समझो की एड्स का आनेवाला भूचाल है।

रोगी को प्यार दें, तिरस्कार मत करें,

घर से समाज से बहिष्कार मत करें,

घृणा से न देखे उसे, शब्दवार मत करें,

बची खुची ज़िंदगी तो चैन से बिताने दें, अंत मे बेचारे को समाना काल गाल है।

सुई लगा के नशे की मस्त घूम रहा,

होके मदांध, वेश्याओं के पांव चूम रहा,

साथ मे विकराल एड्स रोग लिए घूम रहा,

भटका है युवा , होगा उस देश का क्या? देश रूपी नैया के खेवैया का जब ये हाल है।

यदि घर का मुखिया, कमाने वाला ग्रस्त होगा,

पति और पत्नी का जीवन सूर्य अस्त होगा,

पूरा परिवार एक की ग़लती से त्रस्त होगा,

होगा क्या भविष्य, जाएँगे अनाथ बच्चे कहाँ? “सूरज” का पूरी दुनिया से ये सवाल है।

            डॉ॰ सूर्या बाली “सूरज”

एड्स-कुंडलियाँ

(1)

दवा न कोई बन सकी न कोई वैक्सीन।

एड्स से बचने के लिए सदा रहो तल्लीन।

सदा रहो तल्लीन और कंडोम लगाओ।

जब भी अंजाने के संग संबंध बनाओ।

अगर हो गया एड्स मरोगे तिल तिल करके।

आओ करें बचाव सभी ही मिल जुल करके।

(2)

एचआईवी विषाणु ने मचा दिया भूचाल।

रोक सके इसको, कही कोई है माई का लाल।

है माई का लाल कोई तो आगे आए।

कैसे रोके एड्स कोई तो दवा बताए।

कहे सूरज सब लोग रहो सावधान एड्स से।

वरना हो जाओगे सब परेशान एड्स से।

(3)

आ जाने से एड्स के त्रस्त हुआ संसार।

टबलेट, इंजेक्सन  औ टीका सभी हुए बेकार।

सभी हुए बेकार, बचाव एक मात्र तरीका।

असुरक्षित यौन संबंध, काल बनेगा जी का।

जांच करके ही ख़ून सबको चढ़वाएँ।

नशे की सुई न लें, एड्स से बचें बचाएं।

 

(4)

एड्स विषाणु जनित रोग सबके जीवन मे विष घोलेगा।

आज नहीं कुछ साल बाद, जब ये सिर चढ़के बोलेगा।

सिर चढ़के बोलेगा अविभावक जब मर जाएँगे।

उनके बच्चे होंगे अनाथ और दर दर ठोकर खाएँगे।

नई समस्या होगी देश पे, कुछ भी नहीं कर पाएंगे।

अगर अभी से नहीं चेते तो, रोगी बढ़ते जाएंगे॥

(5)

सूरज इस संसार को घेरा एड्स का रोग।

निराकरण का दूर तक, न दिखता कोई योग।

न दिखता कोई योग, हुआ बेकार तमाशा।

मिली दवा न कोई लगी बस हाथ निराशा।

समय से पहले संभलें, वरना पश्याताप करेंगे।

एड्स को यदि जाने समझेगे तभी बचेंगे ॥

                                                                   डॉ॰ सूर्या बाली "सूरज"

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Jul 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service