For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कहते मक्का कोलकाता को ,
लगता कुंभ है मुंबई मे
काला कैसे हो सफेद ये
होती सभा है दुबई मे ,
रुपयो की इस मधुशाला मे
आओ आज रसपान कर लें
IPL की महाकुंभ मे
आओ आज स्नान कर लें
1-कहाँ पवार हैं कहाँ मनोहर,
कहाँ गयी उनकी धरोहर
चार दिन के इस शिशु पर नही चल
रही मनमानी,
सबकी बोलती बंद करने को
एक अकेले मोदी ने ठनी
2-कर देंगे सभी को अंदर,
नाचो तुम सब जैसे बंदर
अगर तुम ना नचोगे धुन पर
तो आओ भंगरा संग कर लें
IPL की महा,,,,,,,,,,,,,
3-मोदी है ब्रम्‍हा ,विष्णु वही हैं
वही महेश हैं पैसों का,
खोले त्रिनेत्रा तो धधकी है ज्वाला
उड़े होश है P.M जैसों का,
धन लक्षमी की दरिया मे
आज कुबेर का म्यान भर लें,,,
IPL की महा,,,,,,,,,,,,,
4-है हिम्मत तो हटाकर देखो,
ज़रा सा हमसे टकराकर देखो,
ना जले दिल तो कहना,
IPL की ज्वाला मे हाथ लगा के देखो,
जल जाओगे धू धू करके,
कैसे भी बचाव करले,
IPL की महा,,,,,,,,,,,,,
5-नही डालमिया इनको समझो
पत्ता हिला ना पाओगे,
आग का दरिया ये मोदी है,
हाथ लगाओ जल जाओगे,
काम धाम को छोड़आज हम
क्रिकेट का ही ज्ञान भर लें,
IPL की महा कुंभ मे आओ आज स्नान कर लें,

Views: 916

Reply to This

Replies to This Discussion

bahut badhiya chitran ........
bahut badhiya likha hai aapne abhishek jee............bahut shaandar..........

aage bhi aisi rachna ka intezaar rahega.................

Aapka hi,
Preetam Kumar Tiwary
अभिषेक भाई आप तो कमाल कर दिये है, बहुत बढ़िया और मन खुश कर देने वाली रचना पोस्ट किये है, IPL मे केवल पैसा कि ही बात हो रही है, क्रिकेट तो कही दिखता ही नही है, अभी तो यह सुरूआत है आगे आगे देखिए कितने घड़ियाल फसते नज़र आयेंगे । बहरहाल IPL के बहाने एक अच्छी कविता पढ़ने को मिला, आगे भी आपकी रचना का इन्तजार रहेगा, धन्यबाद ।
jai hooooooooo.....mera favourite team CHENNAI SUPER KINGS jeet gaya..........
jai ho bahut badhia jandar sandar

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
Sunday
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service