For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुझे यह बताते हुए बहुत ही खुशी हो रही है कि मैथिली मे गजल विकसित तो हो ही रही है साथ ही साथ " बाल गजल " की अवधाराणा भी आयी है और प्रचुर मात्रा मे बाल गजल लिखी जा रही है। वैसे तो हिन्दी-उर्दू मे बाल विषयक कई गजल और नज्में हैं मगर अलग से कोई बाल गजल की अवधाराणा नहीं आयी इसका कारण वीनस केसरी जी ने बड़े धैर्य के साथ मुझे बताया।

विदेह ( मैथिली की पाक्षिक ई पत्रिका) ने आज इस पक्ष का अपना अंक बाल गजल पर केन्द्रित किया हैं |

... आज मैथिली गजल जिस जगह पर हैं उसका बहुत कुछ श्रेय कुँअर बेचैन, पंकज सुबीर, गौतम राजरिषी, तिलक राज जी, गणेश जी बागी, सौरभ पांडेय और अन्यान्य मनीषीयों को जाता है क्योंकि गजल का जो कुछ भी सीखा वह इन्हीं लोगों से सीखा और उसे मैने मैथिली के अन्य गजलकारों में बाँट दिया।

सभी को सादर आभार प्रगट किया जाता है।

Views: 1005

Reply to This

Replies to This Discussion

भाई आशीष अन्चिन्हारजी,

जिस समाज का बालसाहित्य उन्नत होता है और समय के साथ सकारात्मक रूप से परिवर्तित और परिवर्धित होता जाता है, उस समाज की वैचारिक गरिमा तथा उसका सांस्कृतिक इतिहास ही केवल समुन्नत नहीं होता जाता बल्कि आने वाली पीढ़ियाँ भावनाओं और वैचारिक रूप से सुदृढ़ होती जाती हैं. किसी समाज का भविष्य उस समाज के बालसाहित्य को देख कर जाना जा सकता है.

इस क्षेत्र में आपकी एकाकी तपस्या ने मिथिलांचल के कितने स्थापित और ऊर्जस्वी रचनकारों को प्रभावित किया है इसका सटीक उत्तर ’विदेह’ से मिला. अभिभूत हो कर आपकी प्रबल साधना के लिये, साथ ही साथ, मैथिलभाषी रचनाधर्मियों को ’बाल-गज़ल’ के प्रति वैचारिक ही नहीं सक्रिय रूप से उत्प्रेरित करने के लिये आपके प्रति हार्दिक रूप से आभारी होने के साथ-साथ आपको हार्दिक धन्यवाद भी कह रहा हूँ. जिस उत्फुल्लता और उत्साह से मिथिलांचल में ’बाल-ग़ज़ल’ की अवधारणा को स्वीकृति मिली है और जिस तरह से ग़ज़लें कही गयीं हैं या अन्य उच्च रचनाएँ प्रसूत हुई हैं कि मिथिलावासियों (पाठकों) के सद्भाग्य पर मुझे गर्व होता है.

आपको पुनः धन्यवाद कहते हुए मिथिलाभाषा की सर्वोन्नति के लिये विश्वास अभिव्यक्त कर रहा हूँ.  ओबीओ का प्रस्तुत मंच आपके इस सद्प्रयास में कदम-दर-कदम सहभागी है.

सादर

आप मैथली ग़ज़ल के लिए जो कार्य कर रहे हैं वह आने वाले समय में वैसे ही सराहा जायेगा जैसे हिन्दी ग़ज़ल के लिए दुष्यंत त्यागी जी के कार्यों को याद किया जाता है

बधाई एंव आभार

धन्यवाद आप सभी का। यह तो आप लोगों के सहयोग से ही हुआ है।

आशीष जी, बाल ग़ज़ल की अवधारणा को हिन्दी ग़ज़ल के क्षेत्र में भी प्रयोग के रूप में अपनाया गया है और यह प्रयोग सफल भी रहा है

सफल इन मायनों में कि भारत के कई नामचीन शायर बाल ग़ज़ल लिख रहे हैं और इसके विस्तार के लिए प्रयत्न शील हैं
हिन्दी में बाल ग़ज़ल लिखने का सिलसिला बाल साहित्यकार श्री निरंकार देव सेवक से आरम्भ हुआ है
यदि आप रोहिताश्व अस्थान की पुस्तक हिन्दी ग़ज़ल -'उद्भव और विकास'  पढ़े तो आपको उसमें बाल ग़ज़ल पर ८ पेज का एक  अच्छा खासा लेख पढ़ने को मिलेगा जिससे स्पष्ट होता है कि बाल ग़ज़ल को हिन्दी ग़ज़लकारों में किस रूप में स्वीकार किया है 


पुस्तक विवरण
हिन्दी ग़ज़ल -'उद्भव और विकास'
(ग़ज़ल आलोचना)
रोहिताश्व अस्थान
सुनील साहित्य सदन, दरियागंज, दिल्ली
मूल्य ६३० रुपये

धन्यवाद इस अमूल्य ज्ञान को बाँटने के लिये।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
8 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
19 hours ago
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service