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दीप रिजवी साहब आपने जो जवाब दिया , उसका मतलब मैं नहीं समझ पाया । पी जी शब्द का उपयोग आपने किस संर्दभ में किया है । यह समझ में नही आया। वैसे अगर मेरी टिप्पणी से तकलीफ़ पहुंची हो तो माफ़ी चाहता हूं। आदत है हंसी करने की , इसलिये हंसी वाली टिप्पणी भी कर देता हूं। आपका व्यंग्य काबिले तारीफ़ है। मैने भी व्यंग्य का जबाब व्यंग्य में हीं देने का छोटा सा प्रयास किया। एक बात और हम - आप हीं तो आपस में एक दुसरे पर चुटकी ले सकते हैं बिना डरे । वरना नेताओं पर चुटकी ली नही कि चमचों की लात घुसे की बौछार शुरु। आप कम से कम शब्दों से हीं तो मारेंगे लात घुसों से नही। कभी मेरे ब्लाग पर भी आयें
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