For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rector Kathuria
  • Male
Share on Facebook MySpace

Rector Kathuria's Friends

  • अमि तेष
  • Arun Chaturvedi
  • Shanno Aggarwal
  • DEEP ZIRVI
  • Dr Nutan
  • Deepak Sharma Kuluvi
  • alka tiwari
  • Avanish Tiwari
  • आशीष यादव
  • Julie
  • योगराज प्रभाकर
  • asha pandey ojha
  • Ratnesh Raman Pathak
  • विवेक मिश्र
  • Er. Ganesh Jee "Bagi"
 

Rector Kathuria's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Ludhiana
Native Place
Ludhiana
Profession
free Lance journalist

Rector Kathuria's Blog

गज़ल

दुनिया को मेरा जुर्म बता क्यूं नहीं देते?

मुजरिम हूँ तो फिर मुझको सज़ा क्यूं नहीं देते..?



बतला नहीं सकते अगर दुनिया को मेरा जुर्म?

इल्जाम नया मुझपे लगा क्यूं नहीं देते...!



मुश्किल मेरी आसान बना क्यूं नहीं देते ?

थोड़ी सी जहर मुझको पिला क्यूं नहीं देते ?



दिल में जनूं की आग जला क्यूं नहीं लेते ?

इन शोअलों को कुछ और हवा क्यूं नहीं देते ?



यूं तो बहुत कुछ अपने इजाद किया है,

इंसान को इन्सान बना क्यूं नहीं देते ?



दुनिया को… Continue

Posted on November 10, 2010 at 10:00pm — 5 Comments

गज़ल

सब से पत्थर खाता है वो दीवाना.

फिर भी सच सुनाता है वो दीवाना.



क्यूं सपनों में आता है वो दीवाना,

दिल को क्यूं तड़पाता है वो दीवाना.



दीवाली तो साल बाद ही आती है,

पर हर रोज़ मनाता है वो दीवाना.



लड़ता है हर रोज़ वो जंग अंधेरों से,

हर पल दीप जलाता है वो दीवाना.



तूफां में चिराग जलाता हो जैसे,

प्यार के गीत सुनाता है वो दीवाना.



यादों की खुद आग लगाता है हर रोज़,

फिर उसमें जल जाता है वो दीवाना.



धोखा मुझको… Continue

Posted on November 10, 2010 at 9:30pm — 2 Comments

Comment Wall (6 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 12:14pm on September 6, 2011, ganesh lohani said…

 दुनिया को मेरा जुर्म बता क्यूं नहीं देते?
मुजरिम हूँ तो फिर मुझको सज़ा क्यूं नहीं देते..?
 bhut kathuriya ji |

At 10:26am on March 12, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
MANY MANY HAPPY RETURNS OF THE DAY RECTOR BHAI.....HAVE A GREAT DAY AHEAD..
At 9:51am on March 12, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 11:18pm on November 1, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 8:08am on November 1, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 9:44pm on October 31, 2010, Admin said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
29 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
12 hours ago
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service