मित्रों आप सबके समक्ष है नए सालका नया तोहफा एक नए कोने के माध्यम से| प्रस्तुत है भूले बिसरे गीतों की कहानी " गीत भूले बिसरे"| प्रतिदिन साईट में दाहिनी तरफ परिवर्तित होने वाला यह कोना आप सबको ऐसी पुरानी यादों में ले जायेगा जो मष्तिष्क के किसी कोने में अब भी तरो ताज़ा
हैं| ऐसे गीत जिन्हें जिन्हें ज़माने में उडी धूल की परतों ने धुंधला कर
दिया है, जिन्हें सुनकर पुराने दिन चोले बदल कर सिरहाने आ बैठते हैं, दिल
के कसी कोने में एक हलचल सी मचाती है| आपकी यादों के इन्ही घरौंदों को बचा
कर रखने की एक कोशिश है " गीत भूले बिसरे"|
*मुख्य पृष्ठ पर स्थान उपलब्ध करने के लिए OBO प्रबंधन को भी बहुत बहुत धन्यवाद|
आशा है आपको यह प्रयास बहुत पसंद आयेगा|
इस कोने के बारे में अपनी प्रतिक्रया से ज़रूर अवगत कराएं|
आपका अपना
(राणा प्रताप सिंह)
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साथियों आज की प्रस्तुति है महेश भट्ट द्वारा निर्देशित फिल्म साथी (1991) से...इस गीत को स्वर से सजाया है कुमार सानू ने.....संगीत हैं भूषण दुआ का और गीतकार हैं समीर
गीत है-- ज़िंदगी की तलाश मे हम मौत के इतने पास आ गये...
साथियों आज की प्रस्तुति है रामानंद सागर द्वारा निर्देशित फिल्म आँखें (1968) से...इस गीत को स्वर से सजाया है लता मंगेशकर ने.....संगीत हैं रवि का और गीतकार हैं साहिर लुधियानवी ......
गीत है-- गैरों पे करम अपनो पे सितम,ए जाने वफ़ा ये ज़ुल्म ना कर ये ज़ुल्म ना कर...
साथियों आज की प्रस्तुति है रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित फिल्म अंदाज़ (1971) से...इस गीत को स्वर से सजाया है किशोर कुमार ने.....संगीत और गीतकार हैं शंकर-जयकिशन .....
]गीत है-- ज़िंदगी एक सफ़र है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना...
साथियों आज की प्रस्तुति है चेतन आनंद द्वारा निर्देशित फिल्म कुदरत (1980) से...इस गीत को स्वर से सजाया है किशोर कुमार ने.....संगीतकार और गीतकार हैं आर.डी.बर्मन
गीत है-- हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते, मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना...
साथियों ! आज जो गीत प्रस्तुत है वह १९६१ में बनी फिल्म बॉय फ्रेंड से लिया गया है, इस फिल्म मे मुख्य भूमिका निभाई है शम्मी कपूर, धर्मेन्द्र व मधुबाला ने, संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने गीतकार है हसरत जयपुरी, तथा निर्माता निर्देशक है नरेश सैगल |
तो साहब आप भी कहिये ना ... आइगो आइगो आइगो ये क्या हो गया है ?
mere man pasand geeton mai se ek !
साथियों आज की प्रस्तुति है अरबिंद सेन द्वारा 1971 में निर्देशित फिल्म मर्यादा से....इस गीत को स्वर से सजाया है मुकेश ने...संगीतकार हैं कल्यानजी-आनंदजी....गीतकार हैं आनंद बक्शी.....
गीत है--जुबां पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई,बहार आने से पहले खिजान चली आई...
साथियों आज की प्रस्तुति है 1972 में मनोज कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म शोर से...इस गीत को स्वर से सजाया है मुकेश और लता मंगेशकर ने.....संगीतकार हैं लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल...गीतकार हैं संतोष आनंद.......
गीत है-- एक प्यार का नगमा है, मौजो की रवानी है, ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है...
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