For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

होली मनाएं हम (प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा)

होली मनाएं हम
------------------
हर वर्ष की तरह इस बार भी आपका अंगना होली हेतु तैयार है। घर की साफ़ सफाई , लिपाई -पुताई, हो चुकी है. करीने से सामान सुरक्षित कर दिया गया है. विभिन्न कारणों से घर से बाहर गए स्वजन त्यौहार में घर लौट चुके हैं. अपरिहार्य परिस्थितियों में अवकाश न मिलने या अन्य कारणों से जिनके स्वजन नहीं आ पा रहे हैं उनके परिजनों के अन्तः पीड़ा , व्यथा को घर के कोने और आंखो के कोने की नमी महसूस किये बिना कौन रह सकता है।
कुछ घर ऐसे भी हैं जिनके यहाँ इस वर्ष गमी की होली मनायी जायेगी जिनके परिवार के सदस्य कभी वापस नही लौटेंगे, कारण कुछ मौतें शराब के कारण सडक दुर्घटना होना, जहरीली शराब से मौतें. आपसी झगड़े इत्यादि।
क्या त्यौहार बगैर नशे संभव नही।
शुरुआत होती है होली की लकडियों के चंदा एकत्रित होने से लेकर होलिका दहन तक , एकत्रित चंदे से कुछ हिस्सा जाता है नशे हेतु.
कई दिन पहले से ही नशे की सामग्री इकठी करते हैं, बड़े शान से.
दुष्परिणामों से भली भाँती परिचित हैं फिर भी चेतते नही हैं?
नशे के कारण अकाल मौत के अगले शिकार आप तो नही ?
दूसरे की असावधानी से आप सुरक्षित कब तक ?
क्या इसे हम नियंत्रित नहीं कर सकते ?
क्या कोरे कागज़ पर सन्देश देने से बदलाव आ जायेगा।
क्या कर सकते है आप ?
१. आत्म नियंत्रण
२. परिवार के सदस्यों पर नियंत्रण
३. पड़ोसियों से नशे के दुष्परिणामो पर गहन चर्चा /परिचर्चा
४. कम से कम मोहल्ले के ३ व्यक्तियों से चर्चा कर नशा विरोधी माहौल बनाना. इसी प्रकार ये तीन व्यक्ति ३-३ सदस्यों को नशे के विरोध में कार्य करने हेतु तैयार करें.
५. मोहल्ले के सभी सदस्य नशा न करने और इसके दुष्परिणामों से ज्यादा से ज्यादा लोगों को अवगत करने का संकल्प लें.
६. समूह में गाये जाने वाले फाग /आयोजित कवि सम्मेलनों में नशा विरोधी गीतों /चर्चा का समावेश किया जाय।
७. स्वविवेक।
होली की हार्दिक शुभ कामनाये
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
मौलिक /अप्रकाशित

Views: 705

Reply to This

Replies to This Discussion

आदरणीय कुशवाहा सर:
आपका यह सार्थक लेख होली वाले दिन ही मैंने पढ़ा था...बड़ा सुकून मिला आपकी शुभकामनाओं के साथ इस तरह की प्रेरणादायक विचारों को पढ़कर.

सच में आवश्यकता है आज इस तरह की प्रयासों की,खासकर ग्रामांचलों में,जहां लोग समझते हैं कि किसी अवसर का पूर्ण आनन्द नशे की हालत में ही लिया जा सकता है.

शराब विभिन्न कुकर्मों को जन्म देती हुई समाज को असहनीय दुष्परिणामों तक पहुंचाती है.
जहां तक मेरा अनुभव है...मादक पदार्थों का सेवन करने वाला लगभग हर व्यक्ति इसके दुष्परिणामों को भली-भांति जानता है,अपने ही माध्यम से या अपने की सम्बन्धी के माध्यम से,फिर भी पता नहीं क्यों इससे दूर रहना उसे स्वीकार्य क्यों नहीं होता!

3-3 क्या आदरणीय,यदि एक व्यक्ति एक ही व्यक्ति को दिशा देने का प्रयास करे,और सफल हो तब भी बड़ी सफलता होगी.

आपको बहुत धन्यवाद इस आन्तरिक समस्या को उजागर करने लिए और निदान के प्रयास हेतु प्रेरित करने के लिए.

हम त्योहार और दिन-प्रतिदिन की खुशहाली और शान्ति की मंगलकामना करते हैं.

सादर
शुभ शुभ

स्नेही वन्दना जी 

सादर 

आपने होली की व्यस्तता के मध्य इसे पढ़ा आभार. 

आशा है अगली बार कुछ लाभ होगा समाज को 

जय हो मंगलमय हो 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
Sunday
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
Sunday
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service