For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राजनीतिक पार्टिया मिल कर कल खूब बंद-बंद का त्योहार मनाया, भारत बंद के नाम पर लफंगो का समूह सरेआम गुंडागर्दी करते देखे गये, आम जनता पूरे दिन बंद की चक्की मे पीसती रही, एक आकलन के मुताबिक देश को 13 हज़ार करोड़ का चूना लगा जो अंततः भारत के आम जनता को ही किसी ना किसी माध्यम से भुगतना होगा, पूरे दिन के एकदिवसीय बंद-बंद टूर्नामेंट खेलने के बाद शाम मे खिलाड़ी मज़े से गला तर करते हुये अपनी अपनी जीत का दावा करते रहे, कौन जीता कौन हारा यह तो पता नही पर भारत की आम जनता पूरी तरह से हार गई इसमे तो कोई शक नही ही है,
खैर जो बीत गया वो बीत गया पर सवाल है क़ि क्या महगाई के विरोध मे किये गये भारत बंद से अब हम भारतीयो को महगाई से निजात मिल जाएगी ? कृपया आप सभी अपनी राय दे,

Views: 2024

Reply to This

Replies to This Discussion

मैं आप लोगो की बात से सहमत हूँ की बंद से नुकसान होता हैं और हमें ही कही न कही से भरपाई करना होगा लेकिन इस बेसरम सरकार को ये बात कैसे समझाया जाय ओ हिज्रो की फौज लेकर राज करने वाले डाक्टर मनमोहन सिंग आज से एक साल पहले जब डीजल १५०% /बेरल था और आज ८० के आस पास हैं तो फिर क्या जरुरत थी रेट बढ़ने का और साथ में आप लोगो को बता दू सब कोई सरकारी नोकरी नहीं करता हैं की सरकार महगाई भाता दे रही हैं और आप राज कर रहे हैं , आप उस गरीब के पास खड़ा होकर देखे समझ में आ जायेगा बिरोधी पार्टी का बंद जाएज हैं , अगर मेरी बात गलत लगी हो तो मुझे माफ़ करना दोस्तों ,
गुरु जी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है की पेट्रोलियम पदार्थो का मूल्य बढ़ने से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, पर सवाल यह उठता है कि सही बात भी कहने का तरीका क्या सही था ? इस बवाल को अंजाम देने मे कितने लोग आम जनता मे से थे ? कितने लोग apni pratisthano को sweksha से band kiyey थे ,

आम जनता के द्वारा चुनी गई सरकार और उनके मंत्रिमंडल को हिजड़ा कह कर संबोधित करना कितना उचित है? यह मंच ऐसे शब्दों के प्रयोग कि निंदा करता है, वैसे यह आपकी अपनी राय है, हो सके तो इसे एडिट कर ले, धन्यवाद,
आम जनता के द्वारा चुनी गई सरकार और उनके मंत्रिमंडल को हिजड़ा कह कर संबोधित करना कितना उचित है? यह मंच ऐसे शब्दों के प्रयोग कि निंदा करता है, वैसे यह आपकी अपनी राय है, हो सके तो इसे एडिट कर ले, धन्यवाद,


आप के बात से मैं सहमत लेकिन उनका क्या कहा जाये जो मूक दर्सक बन के देख रहे हैं और जो इधर के हो न उधर के उन्हें हिजड़ा ही संबोधन किया जाता हैं अगर आपको इस सब्द से आपको एतराज हैं तो हम अपना सब्द वापस ले रहा हूँ और उसके जगह पर दोयम किसिम के लोग की फ़ौज बोलता हु धन्य बाद सर
kahne sunne ke din gaye
ab kahne ya sunne se nahi hoga

kuch thos kar ke dikhana hoga......hame khud hi satta me ana hoga

yahan hame se matlab hai imandar,saaf suthre...aur yuva jo desh ki tarakki aur garibi se nizaat dilana chahte hai....

politics is not a business bt these leaders made it like that......

system me badlauw lana hoga.....kranti ki mashal jalani hogi.........
बिरेश जी , बिलकुल सही आप कह रहे है, सत्ता से दूर रहकर नेताओं को गाली देने से अच्छा है की इमानदार और स्वच्छ छवि के लोग चुनाव लड़े और जीते , बहुत ही उम्द्दा ख्यालात है आपके, धन्यवाद,
MAHANGAI KE VIRODH ME BAND SAHI TARIKA BILKUL NAHI HAI
to aap hi btaye ki sahi tarika kia hai???

hum agli baar se wahi apnayenge.......

galti dhundna asan hota hai

pr uske nedaan bhi to kahye????
hum chup bhi to nahi baith sakte na??

The Bharat Bandh, like many large-scale protests, had both losses and gains. On the negative side, it disrupted normal life, causing inconvenience to the public, economic losses, and potential harm to small businesses. However, it drew attention to critical issues, such as farmers' rights and labor concerns, amplifying these voices on a national scale. It also spurred discussions and negotiations with authorities, highlighting the power of collective action in a democracy. Ultimately, the impact of such protests depends on subsequent actions and resolutions.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service