आदरणीय साथिओ,
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पहली औलाद-लघुकथा
"हाय डैड, कैसे हैं आप? सब ठीकठाक है ना, मैं कई महीनों से आने की सोच रहा हूँ लेकिन क्या करूँ?, वीडियो काल पर रोहन सुदूर अटलांटा से अपने डैड से बात कर रहा था.
"मैं ठीक हूँ बेटा, तुम लोग कैसे हो. नीनू कैसी है, अगर पास में है तो उससे भी बात करवाना", पिताजी ने अपनी इच्छा प्रकट की.
"नीनू तो अभी नहीं है, वह दीप्ति के साथ सुपरमार्केट गयी है. अच्छा गोपाल कहाँ है, आपकी देखभाल तो ठीक से करता है ना, मैं उसके अकाउंट में बराबर पैसे भेजता रहता हूँ?, रोहन ने पूछा.
पिताजी ने एक लंबी सांस ली और मुस्कुराते हुए बोले "अरे गोपाल तो ग्रेजुएशन कर रहा है, और मेरा खूब ख्याल रखता है. मुझे तो लगता ही नहीं कि वह अपने परिवार का सदस्य नहीं है. अच्छा एक बात कहना चाह रहा था लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि कैसे कहूं, कहीं तुम्हें बुरा न लग जाए?
"अरे बोलिये न डैड, वैसे भी सब कुछ तो आपको ही मैनेज करना है".
"मैं सोच रहा था कि रोहन को अपना नाम दे दूँ. देखो तुम बुरा मत मानना, आखिर सब कुछ तो अब वही संभाल रहा है", पिताजी ने हिचकते हुए कहा.
रोहन ने कुछ पल के चुप्पी साध ली, पिताजी भी थोड़े तनाव में आ गए.
"आपने मेरे मन की बात छीन ली डैड, यह बात मैं चाह कर भी नहीं कह पाता. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप मुझसे बात करना बंद कर देंगे, मैं आपका पहला बेटा ही रहूँगा", रोहन ने एक जोरदार ठहाका लगाया. इधर फोन पकड़े पिताजी के कोर भी भींग गए.
मौलिक एवं अप्रकाशित
वाह वाह। क्या कहने हैं भाई विनय कुमार सिंह जी। क्या कमाल की लघुकथा कही है। प्रदत्त विषय से पूर्ण न्याय करती इस रचना हेतु मेरी दिली बधाई स्वीकार करें।
शुक्रिया सर
हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार सिंह जी।लघुकथा बहुत ही उच्च स्तर की बन पड़ी है। विषय के साथ भी संपूर्ण न्याय किया है।
मुझे एक जगह नाम में कुछ शंका लग रही है।
ऊपर से दंसवी पंक्ति में पिता का जो वाक्य है,"मैं सोच रहा था रोहन को अपना नाम दे दूं।"
शायद इस जगह रोहन की जगह गोपाल का नाम होना चाहिये। यह कुछ भूल वश हुआ लगता है।सादर।
आदाब। ये हुई न विषयांतर्गत औलाद की परतें खोलती रचना! सकारात्मक-नकारात्मक ऐटीट्यूड और औलाद की ऐप्टिट्यूड के बीच पिता की ब्रॉड-माइन्डिडनेस और उस पर असली औलाद का हास्य व समर्थन। कम शब्दों में सबकुछ समेट लिया है लेखनी ने। बहुत-बहुत मुबारकबाद जनाब विनय कुमार साहिब।
आदरणीय तेजवीर सिंह जी ने बारीकी से एक चूक पकड़ी है। //..रोहन (गोपाल√) को अपना नाम.....// सही कर दीजिएगा बाद में।
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