For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शिशु गीत सलिला :

 5 संजीव 'सलिल'

*
41. आकाश

धरती पर छत बना तना है
यह नीला आकाश।
गरमी में तपता, बारिश में
है गीला आकाश।।

नाप न पाता थकता सूरज,
दिनभर दौड़ा- दौड़ा।
बादल चंदा तारों का
घर आँगन लम्बा चौड़ा।।
*
42. फूल


बीजे बो पानी डालो,
धरती से उगता अंकुर।
पत्ते लगते, झूम हवा में
लहराते हैं फर-फर।।


कली निकलती पौधे में,
फिर फूल निकल आते है।
तोड़ न लेना मर जायेंगे-
खिलकर मुस्काते हैं।।
*
42. गुड्डा-गुड़िया

गुड्डा-गुड़िया साथ रहें-
ले हाथों में हाथ रहें।
हर गुत्थी को सुलझाएं
कभी न झगड़ें, मुस्काएं।।
*
43. गेंद

फेंको गेंद पकड़ना है,
नाहक नहीं झगड़ना है।
टप-टप टप्पे बना गिनो-
हँसो, न हमें अकड़ना है।।
*
44. बल्ला

आ जाओ लल्ली-लल्ला,
होने दो जमकर हल्ला।
यह फेंकेगा गेंद तुम्हें -
रोको तुम लेकर बल्ला।।
*
45. साइकिल

आओ! साइकिल पर बैठो,

हैंडल पकड़ो, मत एंठो।
संभलो यदि गिर जाओगे-
तुरत चोट खा जाओगे।।
*
46. रिक्शा

तीन चकों का रिक्शा होता,
मानव इसे चलाता।
बोझ खींचता रहता है जो,
सचमुच ही थक जाता।।

मोल-भाव मत करना,
रिक्शेवाले को दो पैसे।
इनसे ही वह घर का खर्चा
अपना 'सलिल' चलाता।।
*
47. स्कूटर

स्कूटर दो चक्केवाला,
पैट्रोल से चलता।
मन भाता है इसे चलाना
नहीं तनिक भी खलता।।
*
48. कार

चार चकों की कार चलाओ,
मिलता है आराम।
झटपट दूर-दूर तक जाओ,
बन जाते सब काम।।
*
49. बस

कई जनों को ले जाती बस,
बैठा अपने अन्दर।
जब जिसका स्टेशन आता
हो जाता वह बाहर।।

परिचालक तो टिकिट बेचता,

चालक इसे चलाता।
लगा सड़क पर नामपटल जो 
रास्ता वही बताता।।
*
50. रेलगाड़ी


छुक-छुक करते आती है,
सबको निकट बुलाती है।
टिकिट खरीदो, फिर बैठो-
हँसकर सैर कराती है।
*

Sanjiv verma 'Salil'
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.com




Views: 558

Replies to This Discussion

आदरणीय संजीव जी,

सादर नमस्कार!

यह नन्ही नन्ही कवितायेँ, बातें करती से प्रतीत होती हैं और बातों बातों में  मानस पटल पर मासूम चित्र उकेर रही हैं, आपका यह सद्प्रयास बच्चों में बहुत लोकप्रियता पाए, ऐसी शुभकामनाएं हैं. सादर.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"आदरणीय रामबली जी बहुत ही उत्तम और सार्थक कुंडलिया का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई सर"
12 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
" जी ! सही कहा है आपने. सादर प्रणाम. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, एक ही छंद में चित्र उभर कर शाब्दिक हुआ है। शिल्प और भाव का सुंदर संयोजन हुआ है।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय अशोक भाई साहब।  31 वर्णों की व्यवस्था और पदांत का लघु-गुरू होना मनहरण की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, आपने रचना संशोधित कर पुनः पोस्ट की है, किन्तु आपने घनाक्षरी की…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   नन्हें-नन्हें बच्चों के न हाथों में किताब और, पीठ पर शाला वाले, झोले का न भार…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service