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"पंजाबी साहित्य"(ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ) Discussions (30)

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हंजुआं दा की है

हंजुआं दा की है हंजुआं दा की है आंदे बह जांदे दिल दी कहाणी आ के कह जांदे हंजुआं दा की है---------------- ख़ुशी विच आंदे हंजु ग़म विच आंदे…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

4 Aug 29, 2011
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

ਧੁੱਪ

ਜਦ ਵੀ ਮਿਲ਼ੀ ਟੁਕੜੇ-ਟੁਕੜੇ ਹੀਕਿਓਂ ਧੁੱਪ ਮਿਲ਼ੀ ? ਡਾ. ਹਰਦੀਪ ਕੌਰ ਸੰਧੂ ( ਬਰਨਾਲ਼ਾ) ਸਿਡਨੀ ( ਆਸਟ੍ਰੇਲੀਆ)

Started by SS

2 Aug 26, 2011
Reply by SS

ਕਵਿਤਾ - ਅੱਜ ਜ਼ਾਰ ਜ਼ਾਰ ਇੱਕ ਮਾਂ

ਦੋਸਤੋ - ਕਿਰਪਾ ਕਰ ਕੇ ਪੂਰੀ ਰਚਨਾ ਪੜ ਕੇ ਹੀ ਕਮੇੰਟ ਕਰਿਓ ਨੋਟ-ਇਹ ਮੇਰੀ ਸੋਚ ਹੈ ਕਿ ਮਾਂ ਜਦੋਂ ਆਪਣੀ ਧੀ ਦਾ ਤਿਆਗ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਕਿ ਸੋਚਦੀ ਹੈ ਤੇ ਕਿ ਵਿਰਲਾਪ ਕਰ…

Started by राज लाली बटाला

0 Aug 2, 2011

...ਤਾਂ ਵੀ ਨਵੇਂ ਸਾਲ ਦੀਆਂ ਆਖਦਾਂ ਮੁਬਾਰਕਾਂ .}ਦੀਪ ਜ਼ੀਰਵੀ

ਝੱਲੀਆਂ ਹਮਾਤੜਾਂ ਨੇ ਔਕੜਾਂ ਤੇ ਆਫਤਾਂ ;ਮਾਰੀਆਂ ਨੇ ਕੰਜਕਾ ਦੇਵੀ ਦੇ ਅਰਾਧ੍ਕਾਂਨਵੇ ਨਵੇਂ ਕਰ ਲਾਏ ਪਰਜਾ ਦੇ ਪਾਲਕਾਂ ....ਸੌੜੀ ਆਂ ਨੇ ਸੋਚਾਂ ਇਥੇ ਘਟੀਆ ਸਿਆਸਤਾਂ .ਅੱਸ…

Started by DEEP ZIRVI

1 Jan 3, 2011
Reply by Rector Kathuria

ਰੁੱਤਾਂ..

ਰੁੱਤਾਂਰੁੱਤਾਂ ,ਰਾਂਗਲਿਆ! ਗਈਆਂ,ਵੇ ਰੁੱਤਾਂ ਸਾਂਵਰਿਆ ਗਈਆਂ.ਰੁੱਤਾਂ ਸਜ੍ਨੜਿਆ ਗਈਆਂ ,ਵੇ ਰੁੱਤਾਂ ਬੰਨੜਿਆ ਗਈਆਂ.ਤੇਰੇ ਮੇਰੇ ਦੀਦ ਦੀਆਂ ਵੇ ;ਸ਼ਾਮ ਸਲੋਨੀ ਪ੍ਰੀਤ ਦੀਆਂ…

Started by DEEP ZIRVI

0 Dec 9, 2010

WHAT I AM ?

नां हैगा मेरा 'दीपक कुल्लुवी ' घर मेरा दूर पहाड़ इक छोटा जेहा लेखक हाँ मैं सब नाल हैगा प्यार दीपक शर्मा कुल्लुवी ०९१३६२११४८६

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Aug 30, 2010
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

कॉमन वैल्थ

कॉमन वैल्थ जल्लू मुक्की जाँनें कॉमन वैल्थ ख़राब होंणी कइयां दी हैल्थ कई घपले सामने आणें कइयां बणाई लैंणी मोटी वैल्थ कइयां दी खुली जाणी पो…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Aug 30, 2010
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

कांगड़ी व्यंग हाई फाई

कांगड़ी व्यंग हाई फाई बापू लग्गेया आल्लु छिल्लना अम्मां लगाइयो हेयर डाई मुन्नुं लगेया कपडा कपड़े धोना नूहें मेहंदी हत्थां च लगाइयो हाई वो…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Aug 30, 2010
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

नौराते दे मेल्ले

ਨੌਰਾਤੇ ਦੇ ਮੇਲ੍ਲੇ नौराते दे मेल्ले साहनू अपना बना लै शेरां वालिए दुःख गमां ते बचा लै मेहरां वालिए साहनू अपना बना लै------------ (१)जो आंदे म…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

1 Aug 29, 2010
Reply by Rana Pratap Singh

'दीपक कुल्लुवी' नहीं कैहंदा

नहीं कैहंदा 'दीपक कुल्लुवी' नू याद करो 'दीपक कुल्लुवी' एह नहीं कैहंदा जरा झांक के बेखो दिल अपणे ओह तुहाडे दिल विच ही रैहन्दा तुस्सी भुल्ल…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Aug 29, 2010
Reply by Rana Pratap Singh

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2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
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"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
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