For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चाहेनी तोहके केतना हम कह नइखी सकत
दूर तोहसे एक पल हम रह नइखी सकत
ज़िनगी में त होला बहुते गम
मगर गम-ए-जुदाई हम सह नइखी सकत
चाहेनी तोहके केतना हम कह नइखी सकत

कबो त अइसन होई जब तु अइबू पास हमरा
पर लागेला डर केहू छीन ना ले तोहके हमसे
अब त बस तु बन जा हमार
दिल इहे रब से रो-रो के बाटे कहत
चाहेनी तोहके केतना हम कह नइखी सकत
दूर तोहसे एक पल हम रह नइखी सकत

समंदर में जेतना बा गहराई
प्यार हमार बा ओतने गहरा
मिटा देब हम समुचा बंधन
चाहे लगा लेवे ज़माना कतनो पहरा
पा के रहेम हम अपना सनम के
हमार प्यार बा ई हमसे कहत
चाहेनी तोहके केतना हम कह नइखी सकत
दूर तोहसे एक पल हम रह नइखी सकत

चाहेनी तोहके केतना हम कह नइखी सकत
दूर तोहसे एक पल हम रह नइखी सकत
ज़िनगी में त होला बहुते गम
मगर गम-ए-जुदाई हम सह नइखी सकत
चाहेनी तोहके केतना हम कह नइखी सकत!!!!!!!!!!

Views: 1007

Replies to This Discussion

Raju bhaiya, badhiya rachna ba. Badhai swikar kari.
Raju bhaiya, badhiya rachna ba. Badhai swikar kari.
Dhanywaad Ashish bhai

Babua ,

humar subhkamna sada tohra saathe ba, Zaroor kaamyab hokha.

aap biti saayri ke roop me bahut hi acha prastut kaile bara

Bijay Pathak

 

Dhanywad Chacha jee
bahut badhia sundar

बहुत खूब राजू भाई, नीमन गीत लिखले बानी रौआ, जब कोई के कोई से लगाव हो जाला त हियरा एही तरे डेराला की ..आई हो दादा कही इनका के कोई हमसे छीन ना ले |

बहुत बहुत आभार एह गीत खातिर , लागल रही नीमन जात बानी | जय हो |

बहुत बहुत धन्यवाद गणेश भइया रउरा टिपण्णी खातिर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
6 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
9 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service