...ईशान को न्याय चाहिए!
यह घटना राजधानी दिल्ली की है!...ईशान एक ऐसा बच्चा है जो शारीरिक तौर पर कमजोर है!...चल-फिर नहीं सकता लेकिन मानसिक तौर पर सामान्य है!...उम्र 10 साल है!...जन्मसे ही शारीरिक अक्षमता झेल रहा है!...उसका हर तरह से इलाज करवाने में उसके माता-पिता ने ज़रा भी कोताही नहीं बरती है!....उसके पावों का ऑपरेशन की कुशल डॉक्टर की देखरेख में हुआ...और ईशान को इतना फायदा पहुंचा कि वह अब जोर लगा कर, कुर्सी या ऐसी ही किसी चीज का सहारा ले कर खड़ा होने लगा है!...अब उसकी फिजियोथेरिपी भी चल रहै है!...माता-पिता बड़ा खर्चा वहन कर रहे है!...बस!..उनकी एक ही चाह है कि बच्चा अपने पाँव पर खडा हो और शिक्षा भी प्राप्त करें!
...शुरू में जब ईशान के लिए स्कूल की खोज हुई तब बहुत से स्कूलों ने इंकार कर दिया...कारण उसकी विकलांगता!...पर एक स्कूल में दाखिला हो ही गया!...ईशान भी बहुत खुश हुआ!..वह स्कूल जाने लगा...उसे उसकी माता स्वयं स्कूल छोड़ने एवं लेने जाती रही!...स्कूल में पढ़ाई के लिए,अतिरिक्त सुविधा के लिए अतिरिक्त खर्चा भी ईशान के माता-पिता को वहन करना पड़ता था!...ईशान पढ़ाई में बहुत ही अच्छा साबित हुआ!...वह क्लास के पहले दस होशियार बच्चों की सूची में आ गया!...और 2013 में वह तीसरी कक्षा में आया!...नई किताबें और अन्य स्कूली स्टेशनरी का सामान उसके लिए खरीदा गया!
....और अचानक 1 एप्रिल के दिन जब ईशान की माता उसे ले कर स्कूल गई ..तो स्कूल वालों नें ईशान को स्कूल में प्रवेश से मना कर दिया!...ईशान का रो रो कर बुरा हाल हुआ!...प्रिन्सीपाल मैडम ने दो टूक जवाब दिया कि...'नहीं!...ईशान हमारे स्कूल में अब नहीं पढ़ सकता!'...ईशान के पिता स्कूल गए तो प्रिन्सीपाल मैडम से मिलनेसे इंकार कर दिया!
...अब ईशान का भविष्य क्या है? ...एक होनहार और बुद्धिमान बालक घर बैठ कर दिए की बुझती हुई लौ बन जाएगा? ...या क़ानून उसकी सहायता करने के लिए आगे आएगा और ईशान अपना आत्म विश्वास और स्कूली शिक्षा को फिर से पा सकेगा? ...सरकार ईशान के लिए क्या कर सकती है?
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आदरणीया अरुणा कपूर जी,
कानूनन कोई भी शैक्षणिक संस्थान इस प्रकार की शारीरिक विकलांगता के आधार पर बच्चे को एड्मिशन देने से मना नहीं कर सकता है..
उसी स्कूल में बच्चे को एडमिशन दिलाने के लिए..
१. दो प्रेस रिपोर्टर्स के साथ माता पिता जा कर स्थानीय जिला शिक्षा अधिकारी से मिल कर उस स्कूल के खिलाफ कम्पलेन कर सकते हैं, और यह दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी का होगा, कि बच्चा अपने मनपसंद विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर पाए.
२. ज़ी न्यूज़ , इंडिया टीवी ...आदि की हेल्प लाइन पर फोन करके भी इस समस्या का तुरंत समाधान निकाला जा सकता है.
ईशान के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ.
सादर.
आदरणीया डॉ.प्राची जी!...ईशान के लिए, उसी स्कूल के एडमिशन के लिए यथा संभव कोशिश की जा रही है!...आज मैंने उस स्कूल की प्रिन्सीपाल मैडम से मिलने की अपोइंटमैंट ली है!...अगर आपसी समझौते और प्रेमभाव के तहत वह ईशान को फिर से स्कूल में दाखिले के लिए मंजूरी दे देती है,तो आगे की कार्यवाही की शायद जरुरत ना भी पड़े!...आप का आशीर्वाद और शुभकामनाएं इस बच्चे को अवश्य उज्वल भविष्य की ओर ले जाएगी!...आभार डॉ.प्राची जी!
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