For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सम्‍पूर्ण रचना है विनय कुल का हर कार्टून

विनय कुल का हर कार्टून सम्‍पूर्ण रचना है। पल भर में पाठक को अपने प्रभाव में समेट लेने वाली कृतियां। इनकी प्रभावान्विति असंदिग्‍ध और प्रत्‍यक्ष है। कार्टून सामने आते ही चेहरे पर कभी इकहरी भी तो कभी बेचैनी से भरी मुस्‍कान। व्‍यंग्‍य जो कभी गुदगुदाता है तो अक्‍सर स्‍तब्‍ध और चिन्‍ताकुल कर देता है। इसमें दो राय नहीं कि इनमें हमारे समय-समाज की धड़कनें सूक्ष्‍म पर्यवेक्षणीय दृष्टि और तीक्ष्‍ण अभिव्‍यक्ति-दक्षता के साथ दर्ज हो रही हैं ! इन चित्र-कृतियों में चित्रण-भर नहीं, बल्कि लक्षित विषय-संदर्भ पर रचनाकार का मौलिक व सम्‍पूर्ण सोच-दृष्टिकोण भी सामने आता है। अपना स्‍वयंभू और सुचिन्तित कथ्‍य लेकर। इस सृजन-कार्य में सर्जनशील और समीक्षकीय, दोनों दृष्टि साकार हो रही है। यह मामूली सर्जनशीलता नहीं। उल्‍लेखनीय योगदान है। कौन है, जो विनय कुल के कार्टून देख-पढ़कर सोचने को वि‍वश नहीं हो जाता ! प्रश्‍न है कि क्‍या यह योगदान साहित्‍य में विधिवत विश्‍लेषित- मूल्‍यांकित नहीं होना चाहिए ? कौन करेगा यह पहल ?  

Views: 1195

Reply to This

Replies to This Discussion

atyant sameecheen aur sarthak vimarsh shury kiya shyamal ji apne.kisi bhi anya vidha ki tarah inchitr krition ki bhi samalochnatmak samiksha honi hi chahiye.ek kartun twarit sahitya hai jo turant prabhav utpann karta hai. vinay kul ji ke chitr apne aap me ek mahatv purn aur yaadgaar kriti ban jate hain jab wo ham par apna asar chhodte hain.kashi aur OBO ke is gaurav ko Salaam hai.

त्‍वरित प्रतिक्रिया के लिए आभार अरुण जी। 

भाई श्यामलजी,

विनय जी के कार्टून अवश्य ही ओबीओ के पटल के लिये गर्व का कारण हैं तथा इस मंच को अतिशय समृद्ध कर रहे हैं.  हम प्रबन्धन तथा कार्यकारिणी समिति की नुमाइंदगी करते सदस्य उनके उन्नत तथा संवेदनशील रचनाओं को हृदय से स्वीकर कर अभिभूत हैं तथा इसका अक्सर इज़हार भी करते हैं.  आप इसके अलावे क्या चाहते हैं इसके प्रति कुछ स्पष्टता नहीं हो पारही है.

आज जबकि सामान्य पाठकों/अन्य सदस्यों की प्रतिक्रियाओं से पद्य और गद्य रचनाएँ तक महरूम रह जा रही हैं, हम शब्द से इतर अन्य साहित्यिक विधाओं पर सदस्यों/ पाठकों की सहभागिता और यथोचित प्रतिक्रिया के लिये सादर आग्रह ही कर सकते हैं.  सदस्य/ पाठकों द्वारा रचनाओं को पढ़/देख कर प्रतिक्रिया स्वरूप दो शब्द तक न लिखने की कॉम्प्लेसेन्सी कमोबेश सभी ई-पत्रिकाएँ झेल रही हैं. उस लिहाज से ओबीओ की स्थिति उतनी बुरी भी नहीं है.  किन्तु यह अवश्य है कि इस ओर सभी सदस्यों/पाठकों से जागृत और संवेदनशील होने की अपेक्षा है.

इसमें कोई शुबहा नहीं कि कार्टूनों को समृद्ध सहित्यिक विधा का दर्ज़ा मिल चुका है.  सामाजिक/ राजनैतिक कार्टून अपने देश में अपनी उस शैशवावस्था से बहुत आगे निकल चुके हैं जब भारत में चालीस-पचास के दशक में आदरणीय शंकर के कार्टून ही अपनी उपस्थिति दर्ज़ करा रहे थे.   ओबीओ भी कार्टूनों को उसी इज़्ज़त से स्वीकार करते हैं.  उसी का प्रतिफलन है कि ओबीओ के पटल पर आदरणीय विनय कूलजी की रचनाओं को सादर स्थान मिला है.

आप यदि इसके अलावे कुछ विशेष चाहते हैं तो कृपया स्पष्ट करें, अपितु पहल करें.  आप हमारे अभिन्न सदस्य हैं.  वैसे, निम्नलिखित पोस्ट्स पर आपका दृष्टिपात आवश्यक होगा -

सादर

सौरभ

आदरणीय श्री सौरभ जी & श्री श्यामल जी  ये इस दृष्टि से एक उपयोगी और सरोकार का विमर्श मुझे लगता है की यदि इस लिंक को श्री विनय कुल जी के कार्टून के नीचे जोड़ दिया जाए तो पाठक सीधे यहाँ आकर उस चित्र कृति पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते है !!

बंधुवर , आपकी इस  टीप पर अत्यंत विलम्ब से दृष्टि पड़ी , माफ़ी एवं मूल्यांकन का साधुवाद !- विनय कुल

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंदः श्राद्ध पितृ-पक्ष आवश्यक है, उद्धार हेतु आत्मा I करें हुतात्मा के हित तर्पण, मिले उन्हें…"
24 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो

.तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो जो मुझ में नुमायाँ फ़क़त तू ही तू हो. . ये रौशन ज़मीरी अमल एक…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 171 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थित और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई श्यामनाराण जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"वाहहहहहह गुण पर केन्द्रित  उत्तम  दोहावली हुई है आदरणीय लक्ष्मण धामी जी । हार्दिक…"
Tuesday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
Tuesday
Shyam Narain Verma commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - उस के नाम पे धोखे खाते रहते हो
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
Shyam Narain Verma commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और ज्ञान वर्धक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service