For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Vinay Kull
  • Male
  • varanasi. UP
  • India
Share on Facebook MySpace

Vinay Kull's Friends

  • bagesh kumar singh
  • Dr Babban Jee
  • Vindu Babu
  • वेदिका
  • ram shiromani pathak
  • आशीष नैथानी 'सलिल'
  • deepti sharma
  • डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
  • JAWAHAR LAL SINGH
  • संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'
  • rajesh kumari
  • AVINASH S BAGDE
  • Atendra Kumar Singh "Ravi"
  • Gyanendra Nath Tripathi
 

Vinay Kull's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Varanasi ( UP)
Native Place
Varanasi
Profession
Retird From UP Industris Deppt.
About me
making Cartoons from last 40 years.

Vinay Kull's Photos

  • Add Photos
  • View All

Comment Wall (201 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 5:25am on September 18, 2016, Sheikh Shahzad Usmani said…
इस बार के कार्टून में पुलिस विभाग के 'समसामयिक' ऊपरी कमाई का सच्चा चिट्ठा खोलते सृजन के लिए तहे दिल से बहुत बहुत मुबारकबाद मोहतरम जनाब विनय कुल साहब। यह कृति देश के हर महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रतिनिधि-चित्रण करती है।
At 5:29pm on September 8, 2016, Ram Ashery said…

करते भगवान के सृजन का अपमान

कुदरत विरुद्ध चलने में रखते हैं शान

अपने माँ बाप का करते नहीं सम्मान 

उपदेश देते गीता का बनते प्रज्ञा वान 

जानवर से बदतर यहाँ रहते हैं इंसान 

शक्ल से सुंदर पर मन में बसा शैतान 

 

At 9:35pm on July 19, 2016, सुरेश कुमार 'कल्याण' said…
बहुत सुन्दर आदरणीय श्री विनय कुल जी, इसी पर मेरा एक नीति दोहा प्रस्तुत है-

नारी का सम्मान हो, त्यागें जो अभिमान।
जीवन ये खुशहाल हो, बढ़ता बुद्धि ज्ञान।।
At 5:13pm on July 11, 2016, सुरेश कुमार 'कल्याण' said…
बहुत ही सुन्दर व्यंग्य।
तो एक हाइकू हो जाए

महंगा तेल
राहें बड़ी मुश्किल
सस्ता सहारा
At 10:35pm on May 16, 2016, Krish mishra 'jaan' gorakhpuri said…
हा हा हा..बेहतरीन गुदगुदी।डा.के स्केच की भावभंगिमा वाकई जीवंत हैं..तहेदिल से शुक्रिया,बधाई।
At 12:19am on January 10, 2016, Sheikh Shahzad Usmani said…
बहुत बढ़िया समसामयिक परिदृश्य पर तीखा कटाक्ष/व्यंग्य करती पेशकश के लिए बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय विनय कुल जी।
At 2:24pm on January 9, 2016, Sheikh Shahzad Usmani said…
सर, बहुत बढ़िया प्रस्तुति रहती है आपकी, किन्तु ऐसे कटाक्ष पूर्ण कार्टून की प्रतीक्षा है कि या तो ख़ूब हँसी आ जाये, या गहन चिन्तन को पाठक प्रेरित हो जाये। सादर
At 7:28pm on December 7, 2015, kanta roy said…

अल बगदादी के प्रशिक्षण का असर अब रसोई तक आ पहुंचा है।  ट्रैनिंग का प्रताप है जी , बचकर रहना है जरूरी , हा हा हा हा --- बहुत कार्टून हुई है आपकी , बधाई आदरणीय विनय कुल जी। 

At 2:12pm on December 6, 2015, Sheikh Shahzad Usmani said…
आदरणीय मंच जानना चाहता हूँ क्या हम भी अपने कार्टून यहाँ विचारणार्थ प्रेषित कर सकते हैं? किस तरह, क्या प्रक्रिया रहती है, कृपया बताईयेगा ।
At 2:07pm on December 6, 2015, Sheikh Shahzad Usmani said…
बढ़िया व्यंग्य है आदरणीय विनय कुल साहब, लेकिन विडम्बना यह है कि उनसे प्रशिक्षण प्राप्त पकड़े जाने पर ही ऐसी उद्घोषणा करते हैं दिये गये मिशन को पूरा करने के बाद ही न । पति के लिए तो सास जी द्वारा दिया गया प्रशिक्षण पत्नी की दबंगी, ऊँची आवाज़, बेलन व चिमटा ही काफी है !
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय संजय जी नमस्कार तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने बधाई स्वीकार करें । दूसरे शेर मे किस…"
56 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"गर बढ़ाने पे आये वक़ार आदमी  बेच देगा ज़मीर और प्यार आदमी /1 अजनबी शहर में लाश सड़ती…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब। ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। 212 212 212…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय दिनेश जी तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने बधाई पेश है । तीसरे एवं चौथे शेर में अब भी को…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार…"
3 hours ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी अच्छी गजल के लिये आपको दिली मुबारकबाद । तीसरा शेर खास पसंद आया । हां मतले…"
3 hours ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय आमीरुद्दीन साहब ग़ज़ल के लिये मुबारकबाद कुबूल करें । तीसेर शेर के सानी में काफिया को देखते…"
3 hours ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय नीलेश नूर जी अच्छी ग़ज़ल से मुशाइरे का आगाज़ करने के लिये शेर दर शेर बधाई पेश है तीसरा चौथा…"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय धामी जी सादर नमस्कार। दूसरा शे'र अच्छा लगा। ग़ज़ल के प्रयास हेतु बधाई"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"212 212 212 212 जान तक कर गया है निसार आदमीइक सुकूँ के लिए बे-क़रार आदमी मिट्टी का एक पैकर सँभाले…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. लक्ष्मण जी,ग़ज़ल का मतला कमज़ोर है, बेहतर हो सकता था ...ऐसे हालात ही अब कहाँ शेष जोआदमी पर…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service