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Deepti sharma's Blog

धूरी

कब तक बदहवास में
चलती रहोगी
एक ही धूरी से
एक ही रेखा पर
धागे भी टूट जाते हैं
सीधा खींचते रहने पर

अंधेरा नहीं है
तो पैर नहीं डगमगायेंगे
पर ये धूरी बदल रही है
सीधी ना होकर गोल हो गयी है
तुम्हारी चाल के अनुरुप
उसी दिशा में प्रत्यक्ष
तुम्हारी धूरी पर
बस मैं ही खडा हूँ ।
-दीप्ति शर्मा




मौलिक एवम अप्रकाशित

Posted on May 16, 2013 at 9:42am — 5 Comments

उन्मुक्तता

क्यों मिल गयी संतुष्टि

उन्मुक्त उड़ान भरने की

जो रौंध देते हो पग में

उसे रोते , कराहते

फिर भी मूर्त बन

सहन करना मज़बूरी है

क्या कोई सह पाता है रौंदा जाना ???

वो हवा जो गिरा देती है

टहनियों से उन पत्तियों को

जो बिखर जाती हैं यहाँ वहाँ

और तुम्हारे द्वारा रौंधा जाना

स्वीकार नहीं उन्हें

तकलीफ होती है

क्या खुश होता है कोई

रौंधे जाने से ??

शायद नहीं

बस सहती हैं और

वो तल्लीनता…

Continue

Posted on February 13, 2013 at 9:26pm — 15 Comments

ओ मीत

मेरे गीत तेरी पायलिया है

ओ मीत तू मेरी सावरिया है|

प्रेम गीत मैं गा रहा हूँ

तेरे लिए ही आ रहा हूँ

मिलन को बरस रही बादरिया है

ओ मीत तू मेरी सावरिया है|

मद्धम हवा साथ चली है 

दिल में दीपक सी उजली है 

देख झलक गयी गागरिया है 

ओ मीत तू मेरी सावरिया है|

अगली पहर तक आ जाऊंगा 

तुझे दुल्हन बना…

Continue

Posted on January 22, 2013 at 3:00pm — 4 Comments

वो अधजली लौ.

रौशनी तो उतनी ही देती है

कि सारा जहाँ जगमगा दे

निरंतर जल हर चेहरे पर

खुशियों की नदियाँ बहा दे

फिर भी नकारी जाती है क्यों??

वो अधजली लौ



मूक बन हर विपत्ति सह

पराश्रयी बन जलती जाती

परिंदों को आकर्षित कर

जलाने का पाप भी सह जाती

फिर भी दुत्कारी जाती है क्यों??

वो अधजली लौ



जीवन पथ पर तिल तिल जलती

आघृणि नहीं बन कर शशि

हर घर को तेज से अपने

रौशन करते हुए है चलती

फिर भी धिक्कारी जाती है क्यों??

वो अधजली… Continue

Posted on October 4, 2012 at 9:37pm — 4 Comments

Comment Wall (15 comments)

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At 11:47am on May 5, 2013, यशोदा दिग्विजय अग्रवाल said…

आभार

अभिनन्दन

At 1:31pm on February 20, 2013, वेदिका said…

प्रिय दीप्ती जी !
जन्मदिवस की हार्दिक शुभ-कामनायें !

At 2:48pm on August 20, 2012, Deepak Sharma Kuluvi said…

nice articles...

At 11:23pm on August 18, 2012, Poonam Matia said…

दीप्ति बहुत बधाई .........मै पढ़ना चाहूंगी कौनसी रचना के लिए आप पुरुस्कृत हुई हैं .......यहाँ ओ बी ओ में मै थोडा सा कन्फ्यूज़ हो जाती हूँ ......

At 3:54pm on August 18, 2012, सूबे सिंह सुजान said…

दीप्ति जी, आपके सहयोग का हृदय से धन्यवाद।

इस साहित्यिक वैबसाइट पर आप मेर पहले मित्र बने हैं.।।मैं आपकी मित्रता को निभाने की हर संभव कोशिश करूँगा।   शुक्रिया।

At 11:12am on August 18, 2012, Deepak Sharma Kuluvi said…

Simple,Sweet,natural words in your articles attracts readers to read

Congratulation for becoming Best Creater of the Month........best of luck

Deepak Kuluvi

Delhi

9350078399

At 8:12am on August 7, 2012, Abhinav Arun said…

आदरणीया दीप्ति शर्मा जी आपकी रचना शीर्षक :- प्राण प्रिये को  "महीने की सर्वश्रेष्ट रचना पुरस्कार" प्रदान किये हार्दिक बधाई !!

At 6:38pm on August 1, 2012, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…
सम्मानित एवं आदरणीय दीप्ति शर्मा जी, आपकी रचना "प्राण प्रिये"
को माह की सर्वश्रेष्ठ रचना चुने जाने पर आको हार्दिक बधाई एवं 
शुभ कामनाए | आगरा का सुंदर ताज आगरा को विश्व के चित्र पटल 
पर प्रसिद्धि दिलाता है | आपने भी अपनी सुंदर रचना से  ओ बी ओ 
परिवार में आगरा का मान बढाया है | अगर के ही कवी सोम ठाकुर 
का कई बार जयपुर कवी सम्मेलनों में आना हुआ है | आगरा है ही 
अग्रगण्य पंक्ति में | ओ बी ओ अदमिन भी धन्यवाद का पात्र है | 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर  
At 3:36pm on August 1, 2012,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीया दीप्ति शर्मा जी ,

सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना "प्राण प्रिये" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना (Best Creation of the Month) पुरस्कार के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |

आपको पुरस्कार राशि रु ५५१ और प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु) , Bank A/C Details तथा पत्राचार का पता व् फ़ोन नंबर

admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे |
शुभकामनाओं सहित


आपका
गणेश जी "बागी"

संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक 
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 9:22pm on July 11, 2012, Preeti said…

dhanywaad, abhi yeh manch mere liye naya hai isliye iske taur tareeke jaanne ki koshish kar rahee hoon.

 
 
 

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