For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Neelima Sharma Nivia
Share on Facebook MySpace

Neelima Sharma Nivia's Friends

  • Manav Mehta
  • vinay tiwari
  • Vasundhara pandey
  • Madan Mohan saxena
  • Priyanka singh
  • यशोदा दिग्विजय अग्रवाल
  • anand murthy
  • बृजेश नीरज
  • Tushar Raj Rastogi
  • Meena Pathak
  • upasna siag
  • anwar suhail
  • Sarita Bhatia
  • राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
  • deepti sharma
 

Neelima Sharma Nivia's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
Dehradun
Native Place
Muzaffarnagar
Profession
Home maker
About me
i'm happily married house wife loves to read n write

तन्हा

मुझे याद है....
वो कहकहे ..
जो लगाए थे हमने सरे -राह चलते चलते..
आज तुम आंसू बहा रही हो ..
तो कैसे तन्हा छोड़ दू तुम्हे...
अब इतनी तो बे-मुरव्वत नहीं मैं...

Neelima Sharma Nivia's Blog

घातक हैं नाजायज रिश्ते

जिन्दगी कब अपने रंग दिखा दे कुछ कहा नही जा सकता समय समय पर जिदगी में धुप और छाव का मौसम आता जाता हैं। एक लड़की की जिन्दगी भी ना जाने कितने मौसम लेकर आती हैं जब एक तरह के मौसम के साथ अब्यस्त होने लगती हैं तो मौसम का दूसरा रंग बदल जाता हैं और वोह घूमती रहती हैं अपने आप को सम्हालती हुयी तो कभी भिगोती हुयी । भावनाओं का अतिरेक भी उनकी संवेदनशीलता पर हावी होकर बहा ले जाता हैं उनको समंदर में जहाँ दिर डूबना होता हैं बाहर निकल आने का कोई रास्ता नही होता और यह जब रिश्तो के…

Continue

Posted on March 27, 2014 at 6:53pm — 4 Comments

तन्हाई

सुनो!!!

यु तनहा रहने का

शउर

सबको नही आता

तनहा होना अलग होता हैं

अकेले होने से

और

मैं तनहा हूँ

क्युकी तुम्हारी यादे

तुम्हारी कही /अनकही बाते

मुझे कमजोर करती हैं

लेकिन

तुम्हारी हस्ती

मेरे वजूद में एक हौसला सा बसती है

परन्तु

यह  तन्हाई

सिर्फ मेरे हिस्से में ही नही आई हैं

तेरी हयात…

Continue

Posted on April 8, 2013 at 4:59pm — 13 Comments

तुम लिख देना इतिहास मेरे नाम से

तुम लिख देना इतिहास मेरे नाम से .
 
 
तुम लिख देना इतिहास मेरे नाम से 

तुम्हारे कडवे झूठो , तीखे बयानों से 

कितना भी कीचड़ उड़ेलो मेरे जज्बातों पर 

मैं बहार आऊँगी चन्दन की महक से 





मेरी मुखरता तुम्हे उद्वेलित करती हैं 

मेरी ख़ामोशी तुमको आक्रोशित करती हैं 

तुम कैसे स्वीकार सकते हो मेरे अस्तित्व…
Continue

Posted on March 25, 2013 at 6:31pm — 7 Comments

सोच

निशा की आँखे  दर्द कर रही थी, कई दिनों से जलन हो रही थी बस हर बार खुद का ख्याल न रखने की आदत और हर बार अपना ही इलाज टाल जाना उसकी आदतों में शुमार हो गया था । सुनील आज जबरदस्ती उसको दृष्टि क्लिनिक ले ही गये ..  . सामने कतार लगी थी । इतने लोग अपनी आँखे टेस्ट करने आये हैं, सोच कर निशा को हैरानी हुई । अपना नंबर आने पर भीतर गयी और डाक्टर की बताई जगह पर चुपचाप बैठ गयी ..  आँखे टेस्ट करते हुए डाक्टर की आँखों में खिंच आई चिंता की लकीरों को निशा ने…

Continue

Posted on February 15, 2013 at 6:30pm — 9 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:21pm on February 22, 2013, बृजेश नीरज said…

आपने मुझे मित्रता योग्य समझा इसके लिए आपका आभार!

At 8:32pm on February 15, 2013,
सदस्य कार्यकारिणी
rajesh kumari
said…

स्वागत है स्वागत है नीलिमा जी आप आए बाहर आई 

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली..हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"सुन्दर होली गीत के लिये हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। बहुत अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, उत्तम दोहावली रच दी है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service