217 members
393 members
376 members
एक तन्हा ग़ज़ल रहा हूँ मैं
उसकी यादों में चल रहा हूँ मैं (1)
तेरी यादों में ज़िन्दगी जी कर,
ज़िन्दगी को मसल रहा हूँ मैं (2)
कैसी हो ज़िन्दगी बताओ तुम?
तेरे ग़म में उबल रहा हूँ मैं (3)
प्यार में इक महीन सा काग़ज़,
भीग आँसू से गल रहा हूँ मैं (4)
तुम मुझे देख मुस्कुराते हो,
सारी दुनिया को खल रहा हूँ मैं (5)
वो मेरी राह में खड़ी होगी ,
इसलिए तेज चल रहा हूँ…
Posted on May 3, 2020 at 8:00pm — 4 Comments
ख़ुद ही ख़ुद को निहारते हैं हम
आरती ख़ुद उतारते हैं हम
फिर भी वैसे के वैसे रहते हैं
ख़ुद को कितना सँवारते हैं हम
दूसरों का मजाक करते हैं
ख़ुद की शेखी बघारते हैं हम
सिर्फ़ अपनी किसी जरूरत में
दूसरों को पुकारते हैं हम
डाल कर दूसरों में अपनी कमी
दूसरों को विचारते हैं हम
जीतने से ज़ियादा आये मज़ा
जब महब्बत में हारते हैं हम
इस खुशी…
ContinuePosted on March 22, 2020 at 2:02pm — 6 Comments
ग़ज़ल
गण हुए तंत्र के हाथ कठपुतलियाँ
अब सुने कौन गणतंत्र की सिसकियाँ
इसलिए आज दुर्दिन पड़ा देखना
हम रहे करते बस गल्तियाँ गल्तियाँ
चील चिड़ियाँ सभी खत्म होने लगीं
बस रही हर जगह बस्तियाँ बस्तियाँ
पशु पक्षी जितने थे, उतने वाहन हुए
भावना खत्म करती हैं तकनीकियाँ.
कम दिनों के लिए होते हैं वलवले
शांत हो जाएंगी कल यही आँधियाँ
अब न इंसानियत की हवा लग रही
इस तरफ आजकल बंद…
Posted on January 25, 2019 at 6:27am — 4 Comments
ग़ज़ल
गण हुए तंत्र के हाथ कठपुतलियाँ
अब सुने कौन गणतंत्र की सिसकियाँ
इसलिए आज दुर्दिन पड़ा देखना
हम रहे करते बस गल्तियाँ गल्तियाँ
चील चिड़ियाँ सभी खत्म होने लगीं
बस रही हर जगह बस्तियाँ बस्तियाँ
पशु पक्षी जितने थे, उतने वाहन हुए
भावना खत्म करती हैं तकनीकियाँ
कम दिनों के लिए होते हैं वलवले
शांत हो जाएंगी कल यही आँधियाँ
अब न इंसानियत की हवा लग…
ContinuePosted on January 24, 2019 at 9:32pm — 7 Comments
आदरणीय भाई सूबे सिंह जी हार्दिक आभार
मेरे प्रोफाइल पर सबसे पहला कमेंट भी आपने ही दिया था आशीर्वाद स्नेह बनाये रखें
आदरणीय श्री सुजान जी आपकी सशक्त रचना "कच्चा रास्ता " को माह की श्रेष्ठ रचना का पुरस्कार प्रदान किये जाने पर हार्दिक बधाई और साहित्य सेवा हेतु हार्दिक शुभकामनायें भी !!
आदरणीय श्री सुबे सिंह सुजान जी,
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना "कच्चा रास्ता" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना पुरस्कार के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको पुरस्कार राशि रु 1100 /- और प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु), तथा पत्राचार का पता व् फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
आपका आभार ।
तरही ग़ज़ल पोस्ट करने हेतु सर्वप्रथम मुख्य पृष्ठ पर फोरम से "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २६ को क्लिक कर ले, अथवा सीधे मुशायरा पोस्टर को भी क्लिक कर सकते है, उसके बाद खुलने वाले पृष्ठ पर मुशायरे के सम्बन्ध में नियम आदि की जानकारी के नीचे बने बड़े बाक्स में अपनी ग़ज़ल पेस्ट कर Add Reply को क्लिक कर ले |
अन्य साथियों की गजलों पर टिप्पणी हेतु उनकी ग़ज़लों के नीचे रेपली बटन को क्लिक करे व खुलने वाले बाक्स में टिप्पणी पोस्ट कर सकते है |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |