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Comment by Meena Pathak on May 22, 2014 at 9:06am

:)  :)


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 22, 2014 at 2:03am

बिजली कब अपनी रही है !? . ..

:-)))


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 22, 2014 at 1:58am

ए भइया..  बात त सहिये है..  उन दू दिन में हमारा ब्रह्माण्डे हिल गया था .. :-)))))))))))))

वैसे हम ई फोटो में ओवरकोट में लदी-फदी आदरणीया प्राचीजी को देख कर ई कह रहे थे.. !  आज तो हालत ई है कि ओवरकोट को देखने मात्र से लू लग जाये का डर है..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 21, 2014 at 10:47pm

आदरणीय गणेश जी
15 जून और 17 जून का मौसम बदलाव किस तरह आपदा बन कर बरपा था... और आप लोगों का कुमाऊँ के उच्चतम हिमालयी क्षेत्रों में तब का दौरा... आज भी याद करके मन दहल जाता है... लेकिन आप सबकी सलामती पर ईश्वर का शुक्रिया भी अदा करता है

सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 21, 2014 at 10:44pm

आदरणीय सौरभ जी ये तस्वीर होली वाले छन्दोत्सव की है जब मैं छन्न पकैया लिखने में व्यस्त थी और अपनी एक सहकर्मी सह प्रियसखी की बातों को अनसुना कर रही थी... तो उसने मेरे ही मोबाइल से मेरी ढेर सारी तस्वीरें कैद कर लीं थीं..... :))))

तब से अब तक मौसम तो सच में बदल गया है तब तो दस्ताने भी उतारने मुश्किल थे...... वैसे, यूपी में बिजली कटौती बहुत ज्यादा होने की ख़बरें आ रही हैं...इसलिए ये मौसम बदलाव ज्यादा ही अनुभव हो रहा होगा :))

सादर.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 21, 2014 at 8:44pm

सौरभ भईया, १५ से १७ तक आते-आते मौसम कितना बदल गया था :-)))
(15-17 June 2013)


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 21, 2014 at 6:37pm

अंक ३५  से ३७ तक आते-आते मौसम कितना बदल गया... :-))

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